मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला कर लिया है. इसके लिए एक पैनल का गठन भी किया गया है, जो कर्जमाफी को लागू करेगी. साथ ही किसान आंदोलन के दौरान जो मामले किसानों के उपर दर्ज हुए हैं वो भी हट जाऐंगे. सरकार के कर्जमाफी फैसले के बाद किसानों ने हड़ताल वापस ले ली है.
किसान नेता और संसद राजू शेट्टी ने कहा है कि हमारी जो मांग हैं वो राज्य सरकार ने मान ली हैं,अब हम हड़ताल वापस ले रहे है. लेकिन 25 जुलाई तक सरकार ने हमारी सारी मांगे पूरी नहीं की तो हम फिर से आंदोलन करेंगे. बता दें कि महाराष्ट्र के किसान 12 और 13 जून को पूरे राज्य में प्रदर्शन करने वाले थे. इसी प्रदर्शन को रोकने और हड़ताल खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने बैठक में किसानों के कर्जमाफी का फैसला किया.
साथ ही साथ राज्य सरकार किसानों के लिये एक समिति बनाएगी. किसानों की जो लागत होगी उससे कम भाव देना अब अपराध माना जाएगा और पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा. कृषी मूल्य आयोग बनाया जाएगा और इस बारे में 20 जून तक निर्णय लिया जाएगा. बिजली में भी सहूलियत दी जाएगी.
बता दें कि महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार यहां के किसान हड़ताल पर गए थे. हड़ताल के तहत किसान बाजारों और मंडियों में साग-सब्जी और दूध बेचने नहीं जा रहे थे. किसानों की हड़ताल के चलते साग-सब्जी, दूध और रोजमर्रा की दूसरी जरूरी चीजों की आपूर्ति ठप होने से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था.
एनडीए का घटक दल और केंद्र और राज्य सरकार में शामिल शिवसेना ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. शिवसेना ने महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार को धमकाते हुए कहा कि यदि वह राज्य में मध्यावधि चुनाव से बचना चाहती है तो किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ करने की घोषणा करे.