Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • कश्मीर के लाल चौक में 15 साल बाद सेना ने फिर चलाया CASO ऑपरेशन, पढ़ें क्या है ये अभियान

कश्मीर के लाल चौक में 15 साल बाद सेना ने फिर चलाया CASO ऑपरेशन, पढ़ें क्या है ये अभियान

सेना ने जम्मू कश्मीर के लाल चौक में घेराव और तलाशी अभियान शुरू किया है. इसके तहत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सुरक्षा बलों के जवान बड़ी तादाद में तैनात किए गए हैं. लाल चौक इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के बाद सेना ने यह कदम उठाया और कोर्ट रोड और बूंद इलाके में सर्च ऑपरेशन CASO चलाया गया.

Advertisement
  • June 10, 2017 12:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
श्रीनगर: सेना ने जम्मू कश्मीर के लाल चौक में घेराव और तलाशी अभियान शुरू किया है. इसके तहत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सुरक्षा बलों के जवान बड़ी तादाद में तैनात किए गए हैं. लाल चौक इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के बाद सेना ने यह कदम उठाया और कोर्ट रोड और बूंद इलाके में सर्च ऑपरेशन CASO चलाया गया.
 
CASO का मतलब ‘घेरा डालना और तलाशी अभियान’ है. घाटी में बढ़े आतंकी हमलों और अलगाववादी कदमों के बाद सेना ने 15 साल बाद इसका इस्तेमाल फिर से शुरू किया है. इसका उपयोग कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा, तराल, बडगाम और शोपियां में बड़े पैमाने पर किया जाएगा.
 
 
कासो 15 साल के अंतराल के बाद आतंक रोधी अभियानों के तहत एक स्थायी विशेषता होगी. 15 साल पहले सेना ने स्थानीय आबादी के विरोध के बाद इसको बंद कर दिया था. उसके बाद साल 2001 से सिर्फ विशेष खुफिया सूचना मिलने पर ही घेरा डालना और तलाशी अभियान चलाया गया. 
 
बता दें कि हाल ही में आतंकियों द्वारा बैंक लूटा जाना, युवा आतंकियों को बंदूक लहराते देखा जाना, लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की शोपियां में हत्या के मद्देनजर कासो को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया. सशस्त्र बलों ने पिछले हफ्ते दक्षिण कश्मीर में 4000 सैनिकों के सहारे एक बड़ा अभियान चलाया था जिससे रणनीति में बदलाव का संकेत मिलता है.
 
 
क्या है CASO ?
कासो वह मिलिट्री रणनीति है जिसके तहत उस इलाके को घेराबंदी की जाती है जहां पर आतंकी या फिर हथियार होने की संभावना होती है. यह काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशंस का बेसिक होती है. 90 के दशक में जब कश्‍मीर में चरमपंथ ने पैर पसारने शुरू किए थे तो इस रणनीति को सख्‍ती से अपनाया गया.

Tags

Advertisement