नई दिल्ली: टुनाइट विद दीपक चौरसिया में आपका स्वागत है. देश का अन्नदाता अपने अधिकारों के लिए जब आंदोलन की राह पकड़ता है तो उसमें किस तरीके से राजनीति की मतलबी आग घुसपैठ कर जाती है, और पूरा आंदोलन अपनी राह से भटकता- लड़खड़ाता दिखने लगता है. इस खेल का खुलासा मध्य प्रदेश में विरोधी नेताओं के उकसाऊ, भड़काऊ बोल किस तरह से सरकारों के लिए सुरक्षा कवच बन जाती है.
सबसे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तीन नेताओं की बात करते हैं जिन पर बीजेपी ने किसान आंदोलन की आग को भड़काने और उकसाने के आरोप लगाए है. पटवारी ने SDM से वादा किया था कि वो आंदोलन को शांतिपूर्ण रखेंगे लेकिन हिंसा भड़की तो वो उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हुए. दूसरी तस्वीर भी कांग्रेस के ही नेता की है.
ये डीपी धाकड़ हैं जो रतलाम जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं और किसानों को गाड़ियों में आग लगाने के लिए उकसा रहे हैं. तीसरी तस्वीर शिवपुरी के करैरा की कांग्रेस विधायक शकुंतला खटीक की है. ये अपने कार्यकर्ताओं को थाने में आग लगाने के लिए भड़का रही हैं. सबसे पहले 6 जून का वीडियो देखिए जिसमें SDM ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.
अब आपको किसानों को भड़काते दूसरे कांग्रेस नेता का वायरल वीडियो दिखाते हैं. रतलाम में 4 जून की रात 3 गाड़ियों में आग लगाई गई थी और पत्थरबाजी में एक सब-इंस्पेक्टर के एक आंख की रोशनी चली गई थी. अब 3 जून की रात का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कांग्रेस नेता डीपी धाकड़ किसानों को उकसा रहे हैं कि गाड़ियों में आग लगा दो और पुलिस-थाने से डरने की ज़रूरत नहीं है.
4 जून को शिवराज सिंह चौहान रतलाम आने वाले थे लेकिन हिंसा भड़क जाने के बाद उन्होंने दौरा रद्द कर दिया. वहीं, किसानों को भड़का रहे डीपी धाकड़ 4 जून से ही फरार हैं.