नई दिल्ली: नेताओं को आम आदमी चुनता है लेकिन सियासत की हवा उन्हें खास होने का एहसास करा देती है. लेकिन जब इन नेताओं पर मुसीबत आती है या कोई राजनीतिक संकट आता है तो ये लोकतंत्र के भगवान यानि वोटर की तरफ नहीं बल्कि मंदिर के भगवान की तरफ भागते हैं.
मुसीबत आने पर नेता पूजापाठ से लेकर तंत्र मंत्र सबका सहारा लेते हैं. इसका सबसे ताजा उदाहरण बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बेटे तेजप्रताप हैं. लालू के बेटों ने पिता से सियासत सीखी हो या न सीखी हो लेकिन पूजा पाठ और तंत्र मंत्र के जरिए सियासी रोड़ों को निपटाना जरूर सीख लिया है. क्योंकि तेज प्रताप के पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी जब-जब मुसीबत में पड़े एक खास बाबा के पास गए. पगला बाबा के पास.
अपने सियासी हित के लिए राजनेताओं के कर्मकांड या तंत्र-मंत्र का जाप कोई नई बात नहीं है. इससे पहले राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अपने राजनीतिक संकट को निपटाने के तंत्र साधना कर चुकी हैं. इसके लिए वसुंधरा राजे ने परशुराम पूजा की थी.
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