मंदसौर: मध्य प्रदेश में कर्जमाफी को लेकर किसानों के आंदोलन ने मंगलवार अचानक को हिंसक रूप ले लिया. मंदसौर जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें 6 किसानों की गोली लगने से मौत हो गई है और कई घायल बताये जा रहे हैं.
बेकाबू हालात के बीच जमकर सियासत भी शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंसा को कांग्रेस की साज़िश बताया है. सीएम ने मृतकों के परिवार वालों को मिलने वाले मुआवजे की राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 1-1 करोड़ कर दी है. इसके अलावा मृतकों के परिवार वालों मे से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाएगी. साथ ही गंभीर रूप से घायलों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजे देने की घोषणा की गई है.
शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई. हालांकि सरकार ने पुलिस की गोली चलाए जाने की घटना का खंडन किया है. गृहमंत्री का कहना है कि मंदसौर में पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई. गोली चलने की घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और कुछ इलाकों में कर्फ्य़ू भी लगाना पड़ा है.
बताया जा रहा है कि मंदसौर में हजारों किसान सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों का प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि इस दौरान कुछ ट्रकों में आग लगाने की कोशिश भी की गई. सड़क जाम करने से लेकर आगजनी और रेल की पटरियां उखाड़ने की घटना सामने आई. तभी हालात को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी.
बताया जा राह है कि इस घटना के बाद से प्रशासन ने इलाके की इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को राज्य व्यापी करने की चेतावनी भी दी है. बता दें कि मंदसौर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. साथ ही इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिये हैं. मंदसौर, रतलाम और उज्जैन इलाकों में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है.