श्रीनगर: टेरर फंडिंग के मामले में कश्मीर पुलिस ने अलगाववादियों की बैठक नाकाम कर दी. यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया तो मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया. पाकिस्तान से अलगाववादियों को फंड मिलने का खुलासा होने के बाद श्रीनगर में हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के घर बैठक थी लेकिन उनका घर सील कर बैठक नाकाम कर दी गई.
गीलानी के घर केवल परिजनों को जाने की इजाजत है. बैठक के बाद गिलानी अलगाववादी नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेस करने वाले थे. गिलानी पहले से ही घर में नजरबंद हैं, बैठक की जानकारी मिलने के बाद अब उनका घर भी सील कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के घर के बाहर जवानों को भी तैनात कर दिया है. बैठक के लिए यासिन जैसे ही घर से निकले उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा, मीरवाइज को एक बार फिर बीती शाम से नजरबंद रखा गया है. उन्हें गिलानी के आवास पर संयुक्त प्रतिरोध बैठक में शामिल होना था. उन्होंने कहा, ‘कश्मीर विरोधी सरकार ने नेतृत्व पर अंकुश लगाने के लिए पहले वाली तरकीब अपनाई. एक बार फिर दिख गया कि कश्मीर पर सुरक्षा बलों की ताकत का शासन है.’
आतंकी फंडिंग को लेकर NIA ने दूसरे दिन रविवार को भी अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापा मारा. श्रीनगर में हुर्रियत नेता एयाज अकबर के घर समेत 3 ठिकानों पर छापेमारी हुई. NIA ने इससे पहले शनिवार को दिल्ली, हरियाणा और श्रीनगर के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों कैश समेत आतंकी संगठनों के दस्तावेज मिले थे.
शनिवार को एनआईए ने कश्मीर में 14 जगहों पर तो दिल्ली में 8 जगहों पर छापा मारा था. एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी नेता नईम खान के घर पर भी छापेमारी की थी. बता दें कि नईम खान वही हैं जिन्होंने स्टिंग ऑपरेशन में घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से पैसे मिलने की बात कबूल करते हुए दिखे थे.
शनिवार को कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा में चल रहे एनआईए की छापेमारी के दौरान 1.15 करोड़ रुपए, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए. लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के लेटर हेड, पेन ड्राइव, लैपटॉप को भी एनआईए ने जब्त किया. प्रारंभिक जांच को भी अब रेगुलर केस में बदल दिया गया है. उसके तहत ही छापा भी मारा गया.