हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से सबसे भारी रॉकेट GSLV-Mk 3 D1 रॉकेट को प्रक्षेपित हुआ. श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित होने वाला यह रॉकेट अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजन का संचार उपग्रह जीसैट-19 लेकर गया है.
इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी. साथ ही इंटरनेट सेवाओं में सुधार होगा. केंद्र के निदेशक तपन मिश्रा ने इसे भारत के लिए संचार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उपग्रह बताया है. फिलहाल अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित 41 भारतीय उपग्रहों में से 13 संचार उपग्रह हैं.
बता दें कि जी सैट 19 जिसका वजन तीन टन से ज्यादा वजन है. अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद में निर्मित है. ये भारत में बना और प्रक्षेपित होने वाला सबसे विशाल व भारी उपग्रह है. ये स्वदेश निर्मित लीथियम आयन बैटरियों से संचालित होगा. देश से प्रक्षेपित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है.
जियोस्टेशनरी रेडिएशन स्पेक्टोमीटर अंतरिक्ष उपकरण ले जायेगा, जिससे आवेशित कणों की प्रकृति तथा उपग्रहों और उनके इलेक्ट्रॉनिक तत्वों पर अंतरिक्ष विकिरणों के प्रभाव की निगरानी तथा अध्ययन होगा. इससे पहले इसरो ने 3,404 किलो के संचार उपग्रह जीसैट-18 को फ्रेंच गुयाना स्थित एरियाने से प्रक्षेपित किया था. जीएसएलवी-एमके 3-डी1 तीन चरणीय यान है, जिसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक उपरी चरणीय ईंजन लगा है.