नई दिल्ली: गुरिल्ला कमांडो का नाम तो आपने सुना ही होगा. लेकिन गुरिल्ला कमांडो की ट्रेनिंग की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. इन्ही सब की जानकारी के लिए इंडिया न्यूज ने वारांगटा के जंगलों में जाकर दिल दहला देने वाली उनकी खतरनाक ट्रेनिंग का बेहद ही करीब से जायजा लिया.
ये जानने की कोशिश की कि ट्रेनिंग के दौरान इन जवानों को किन किन मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. दो महीने लंबी इस ट्रेनिंग में गुरिल्ला कमांडो को हर सिचुएशन का सामना करना सिखाया जाता है. ट्रेनिंग के दौरान गुरिल्ला कमांडो को दुश्मन पर अचूक निशाना लगाने के गुर भी सिखाए जाते हैं. जैसे अगर जंगलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान कोई संदिग्ध चेहरा दिखे तो उससे कैसे पेश आना है.
उनको कैसे इंटरोगेट करना है. दरअसल गुरिल्ला कमांडोज ऐसे मौकों पर ऑपरेशन स्ट्राइक बैक के जरिये आतंकियों पर जोरदार हमला करते हैं. यानी दुश्मन को मारो और आगे निकल जाओ.जाहिर है ये गुरिल्ला कमांडोज दुश्मन के लिए सबसे बड़ी खौफ हैं तो देशवासियों के लिए सुरक्षा और भरोसे की सबसे बड़ी गारंट.
गुरिल्ला कमांडो को काउंटर इन्सर्जेन्सी और जंगल वॉरफेयर स्कूल की ओर से ट्रेन किया जाता है जिसमें हर साल करीब 800 जवानों और अफसरों को ये मुश्किल ट्रेनिंग दी जाती है. गुरिल्ला कमांडोज की ये ट्रेनिंग करीब 8 हफ्ते तक चलती है.
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