लखनऊ : यूपी सरकार के खादी एवं ग्राम्स उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी के सुरक्षाकर्मी(गनर) की एक गलती का खामियाजा अब मरीजों को भुगतना पड़ेगा. सत्यदेव पचौरी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें एमआरआई कराने की सलाह दी.
जैसे ही वह टेस्ट कराने के लिए पहुंचे उनके साथ सुरक्षाकर्मी भी एमआरआई कक्ष के भीतर प्रवेश कर गया जिस कारण उसकी बंदूक को मशीन में लगी चुंबक ने खिंच लिया और गन मशीन से छिपक गई.गन की छिपकने के बाद मशीन जोर से आवाज करने के साथ ही बंद हो गई.
गौरतलब है कि हरदोई में एक समारोह के दौरान वह बेहोश हो गए थे जिसके बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉक्टरों ने जब उनकी जांच शुरू की तो उनका शुगर लेवल और बीपी काफी लो आया.
डॉक्टर्स मंत्री जी को टेस्ट के लिए ले गए लेकिन उनके पीछे-पीछे उनका गनर भी आ गया, गौर करने वाली बात यहां ये है कि एमआरआई कक्ष के दरवाजे पर मेटल अंदर ले जाने को लेकर चेतावनी लिखी हुई है लेकिन उसने इन सभी बातों का नजरअंदाज कर दिया. जैसे ही गन मशीन के साथ छिपक गई और तेज आवाज हुई तो मंत्री जी उठकर कक्ष से तुरंत बाहर निकल आए.
40 लाख का खर्च आएगा
डॉक्टरों का कहना है कि मशीन को ठीक करने के लिए इसमें से 23 हजार लीटर लिक्विड हीलियम गैस को निकाला जाएगा. गैस निकालने के बाद ही इसका प्रभाव कम होगा, जिसके बाद ही मशीन चलेगी. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि इसमें 30 से 40 लाख रुपए के बीच खर्च आएगा.
मरीजों को होगी परेशानी
डॉक्टर्स ने बताया कि इस मशीन पर प्रतिदिन 30 मरीजों की जांच होती है और अब मशीन को ठीक होने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा. मशीन खराब होने के वजह से अब मरीजों को जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा.
वेटिंग में है मरीज
80 से ज्यादा मरीज वेटिंग कर रहे हैं और उन्हें अगले दो माह तक की तारीख दी गई है. जांच कराने के लिए 3500 रुपए का खर्च आता है. MRI मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को भटकना पड़ रहा है