पटना: बिहार बोर्ड के इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार का रिजल्ट को संस्पेंड कर दिया है. गणेश पर गलत तरीके से एडमिशन लेने का आरोप है. पूरे मामले पर गणेश से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है. गणेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है और उसको गिरफ्तार भी कर लिया गया है. वहीं इस मामले में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया है.
बता दें कि गणेश कुमार का पता झारखंड का गिरिडीह निकलने के बाद एक तरफ परीक्षा के सिस्टम पर सवाल उठ खड़ा हुआ था तो दूसरी तरफ बिहार बोर्ड सवालों के घेरे में है कि क्या वो ऐसे स्कूलों पर लगाम लगाएगा जो वर्षों से एडमिशन रैकेट का हिस्सा बने हुए हैं.
बिहार का शेखपुरा और समस्तीपुर जिला लंबे समय से बोर्ड परीक्षा में अच्छे रिजल्ट के लिए कुख्यात रहा है. इन दो जिलों से बिहार तो बिहार, बिहार के बाहर के लोग भी आकर बोर्ड की परीक्षा देते हैं ताकि अच्छे नंबर से पास कर सकें. तरीका बस यही है कि पैसा फेंको, तमाशा देखो.
बिहार की लीडिंग न्यूज़ वेबसाइट ‘लाइव सिटीज’ की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम ने इस साल के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार का पूरा हिस्ट्री ही निकालकर रख दिया है जिसके बाद परीक्षा की पूरी प्रक्रिया सवालों से घिर गई है. लाइव सिटीज की खबरों के मुताबिक गणेश कुमार की उम्र 24 साल है जबकि आम तौर पर बिहार में 17-19 साल में कोई भी इंटर पास कर जाता है.
गणेश ने इंटर की परीक्षा में संगीत और होम साइंस ऑप्ट किया. होम साइंस सिर्फ लड़कियां लेती हैं जिसे बाद में उसके स्कूल ने सुधार लिया होगा इसलिए वो होम साइंस की परीक्षा में शामिल नहीं हुआ. संगीत की परीक्षा में उसे लिखित परीक्षा में 30 में 18 और प्रैक्टिकल में 70 में 65 कुल 83 नंबर आता है. संगीत की प्रायोगिक परीक्षा का नंबर ऐसा है कि वो टॉपर बन जाता है.
हिन्दी में भी गणेश को 100 में 92 नंबर आए हैं जिसका मलतब ये समझा जा सकता है कि उसकी हिन्दी बहुत ही शानदार है. वैसे बिहार में हिन्दी कितनी भी शानदार हो, 100 में 92 नंबर आया है, ये सुनकर कोई भी दांतों तले ऊंगली दबा लेगा.
इस तरह से एडमिशन रैकेट चलाने वाले तमाम स्कूलों में प्रैक्टिकल में 90 परसेंट तक नंबर देने का वादा किया जाता है ताकि स्टुडेंट को लिखित में नंबर कम भी मिले तो वो प्रैक्टिकल मिलाकर अच्छे नंबर ले आए. शायद यही वजह रही होगी कि गिरिडीह से 250 किलोमीटर दूर गणेश समस्तीपुर के चकहबीब स्कूल में दाखिला लेता है.
लाइव सिटीज के मुताबिक गणेश के स्कूल एडमिशन फॉर्म पर एडमिशन की तारीख तक नहीं है. फॉर्म पर स्थायी पता में गिरिडीह दर्ज है लेकिन वर्तमान पता खाली है. अगर वो समस्तीपुर में किराए पर रह रहा था तो वो पता वर्तमान पता में होना चाहिए था.
आप ये कह सकते हैं कि गणेश ने दाखिला के बाद किराए पर मकान लिया होगा इसलिए वर्तमान पता नहीं डाला लेकिन जब आपको ये पता चलेगा कि गणेश ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा भी इसी समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के संजय गांधी हाई स्कूल से पास किया तो ये मान लेना होगा कि वो समस्तीपुर में ही रह रहा था.