नई दिल्ली: भारत में जीडीपी विकास दर कम होने पर चीनी मीडिया ने तंज कसा है और इसके लिए नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि ड्रैगन बनाम हाथी की रेस में भारत पिछड़ गया है. ये साफ हो गया कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर खराब असर पड़ा.
सीएसओ के ताजे आंकड़ों को ही ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट को आधार बनाया गया है. टाइम्स ने लिखा है कि ऐसा लगता है कि हाथी बनाम ड्रैगन रेस में भारत को झटका अच्छे से लगा है. भारत की अर्थव्यवस्था में आई अप्रत्याशित गिरावट ने पहली तिमाही में फिर से चीन तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है.
शियाओ शिन ने भारत की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया है. इस पर उन्होंने लिखा है कि इससे तो यही देखकर यही लगता है कि भारत सरकार ने नवंबर में लिए नोटबंदी जैसे कड़े फैसले से पहले अच्छे से बैठकर गंभीरता से विचार करना चाहिए था कि इसका परिणाम अंत में क्या होगा.
बता दें कि विकास दर में पिछले साल के मुकाबले करीब एक फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है और सालाना GDP 7.1 फीसदी पहुंच गई है. पिछले साल नवंबर में नोटबंदी हुई थी जिसका असर कई सेक्टर पर हुआ और यही वजह है कि वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही जनवरी से मार्च में GDP 6.1 फीसदी पर पहुंच गई.
जनवरी से मार्च में चीन की GDP 6.9 रही हो गई जबकि भारत की 6.1 ही रही. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीडीपी में गिरावट का ठीकरा नोटबंदी की जगह आर्थिक मंदी पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि दुनिया में जारी आर्थिक मंदी जिम्मेदार है. जेटली ने कहा है कि देश की GDP पर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का असर पड़ा है. दुनिया में जैसे हालात हैं, उसके हिसाब से हमारी GDP वृद्धि दर बहुत अच्छी है.