मुंबई : महाराष्ट्र में किसानों ने ‘किसान क्रांति’ के नाम से आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान कर्जमाफी और फसल के सही दाम की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और हड़ताल पर हैं. आज आंदोलन का दूसरा दिन है. पूरे महाराष्ट्र में किसानों ने उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान ट्रक भर दूध सड़कों पर बहा कर, रोड पर फल और सब्जी फेंक कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में किसानों की ओर से कर्जमाफी और फसल के सही मूल्य की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन और हड़ताल में अब मुंबई के डिब्बेवालों ने भी समर्थन दे दिया है. मुंबई के डिब्बेवालों ने किसानों को समर्थन देने का ऐलान किया है. अब डिब्बेवाले भी किसानों की मांग के साथ हैं.
किसानों के आंदोलन पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस ने समझाइश देते हुए कहा है कि किसानों को अपनी हड़ताल खत्म करना चाहिए और उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा था कि सरकर से बातचीत के लिए सारे रास्ते खुले हुए हैं. फडनवीस ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां राज्य के किसानों को पत्थर बाजी की हवा दे रहे हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार यहां के किसान हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के तहत किसान बाजारों और मंडियों में साग-सब्जी और दूध बेचने नहीं जाएंगे. किसानों की हड़ताल के चलते साग-सब्जी, दूध और रोजमर्रा की दूसरी जरूरी चीजों की आपूर्ति ठप होने से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. किसानों ने हड़ताल के समर्थन में मुंबई, सतारा और शिरडी में दूध ले जा रहे टैंकरों को रोककर हजारों लीटर दूध सड़क पर बहा दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.