नई दिल्ली. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कबूल किया था कि होटल और रेस्टोरेंट वाले जनता से जो सर्विस टैक्स वसूलते हैं, उसे सरकारी खाते में जमा नहीं कराते. इससे पहले ये खुलासा भी हो चुका है कि रेलवे के जरिए माल ढुलाई में भी सर्विस टैक्स का बड़े पैमाने पर घपला हुआ. सर्विस टैक्स का बोझ सीधे आम जनता पर पड़ता है और जनता ये सोचकर सर्विस टैक्स देती है कि इससे देश का भला होगा.
नई दिल्ली. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कबूल किया था कि होटल और रेस्टोरेंट वाले जनता से जो सर्विस टैक्स वसूलते हैं, उसे सरकारी खाते में जमा नहीं कराते. इससे पहले ये खुलासा भी हो चुका है कि रेलवे के जरिए माल ढुलाई में भी सर्विस टैक्स का बड़े पैमाने पर घपला हुआ. सर्विस टैक्स का बोझ सीधे आम जनता पर पड़ता है और जनता ये सोचकर सर्विस टैक्स देती है कि इससे देश का भला होगा. लेकिन, क्या वाकई सर्विस टैक्स देश के काम आ रहा है ?
सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियां और एजेंसियां ये कहकर आपसे सर्विस टैक्स लेती हैं कि ये तो सरकार के खाते में जाना है. आप भी ये सोचकर सर्विस टैक्स देते हैं कि इससे सरकार देश का विकास करती है. आपकी गाढ़ी कमाई सड़कें बनाने, देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने, गरीबों का पेट भरने, किसानों को सस्ता कर्ज और खाद-बीज मुहैया कराने के काम आती है.
क्या जो लोग सरकार के नाम पर आपसे सर्विस टैक्स वसूलते हैं, वो सर्विस टैक्स की रकम क्या सचमुच सरकार की तिजोरी में जमा कराते हैं ? इंडिया न्यूज़ के बड़े खुलासे से आज आपको इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा. और यकीन जानिए कि सच्चाई जानने के बाद आप की ही नहीं, बल्कि सरकार की भी आंखें खुल जाएंगी. ( वीडियो पर क्लिक करके देखें सर्विस टैक्स का बड़ा घोटाला)