नई दिल्ली: दाल जिसने कुछ दिनों पहले देश को रुला रखा था क्योंकि इसकी कीमत 200 रुपए किलो के पार पहुंच गई थी. विपक्ष को दो साल की मोदी सरकार के दौरान पहला बड़ा मुद्दा मिला था. लेकिन आप जानते हैं कि 200 रुपए किलो मिलने वाली दाल अब किसान 20 रु किलो तक बेचने पर मजबूर हैं.
किसान दाल के आंसू रो रहे हैं. मंडियों में दाल की ट्रकें खड़ी हैं लेकिन कोई खरीददार नहीं. ऐसी हालत क्यों हुई. जिम्मेवार कौन है ? किसानों ने मंडियों में सब्जियों को भेजना बंद कर दिया है. उन्होंने सब्जियों को सड़कों पर फेंक दिया. महाराष्ट्र के किसान फसल की लागत भी नहीं मिलने से नाराज हैं और चाहते हैं कि यूपी की तरह सरकार उनका भी कर्ज माफ कर दे .
लिहाजा एक तरफ वो दूध सड़क पर बहा रहे हैं. दूसरी तरफ सब्जियों को खेत में ही सड़ने को छोड़ दे रहे हैं. मंडियों में नहीं भेज रहे इसलिए मुंबई समेत महाराष्ट्र के ज्यादातर शहरों में सब्जियों की कीमतें सिर्फ दो दिनों में दोगुनी हो गई है.
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