नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निधन कब हुआ किन परिस्थितियों में हुआ, ये अब तक रहस्य बना हुआ है लेकिन अब केंद्र सरकार ने मान लिया है कि नेताजी का निधन 1945 में ही हो गया था. RTI के तहत जानकारी में गृहमंत्रालय ने बताया कि उनकी मौत 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुई थी.
RTI से मांगी गई जानकारी के जवाब में गृहमंत्रालय ने कहा कि नेताजी की मौत से जुड़ी 37 फाइलें जारी की गई थीं. जिसमें पेज नंबर 114 से 122 पर इसकी जानकारी दी गई है. जवाब में कहा गया कि शहनवाज कमेटी, जस्टिस जीडी खोसला कमीशन और जस्टिस मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट देखने के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि नेताजी 1945 में विमान दुर्घटना में मारे गए थे.
सरकार की ओर से दिए गए जवाब पर सुभाष चंद्र बोस का परिवार नाराज हो गया है. नेताजी के पोते चंद्र बोस ने गृह मंत्रालय को इस पर माफी मांगने और SIT बनाने की मांग की. सयक सेन नाम के एक आदमी ने आरटीआई के तहत केंद्र सरकार से सवाल पूछा था कि नेताजी का निधन कब हुआ है.
सेन को जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि शहनवाज कमिटी की रिपोर्ट, जस्टिस जी.डी. खोसला कमिशन, और जस्टिस मुखर्जी कमिशन की जांच से सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि नेताजी की मौत एक विमान दुर्घटना में 18 अगस्त 1945 में हुई थी.
सायक सेन ने आरटीआई में गुमनामीबाबा या भगवानजी, जिन्हें 1985 तक उत्तर प्रदेश में देखा गया था, के बारे में भी सवाल पूछा था, इस प्रशन का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि मुखर्जी कमिशन रिपोर्ट के पेज नं 114 से 122 में गुमनामी बाबा के बारे में जानकारी दी गई है, यह रिपोर्ट mha.nic.in पर उपलब्ध है. गृह मंत्रालय इस नतीजे पर पहुंचा है कि गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं थे. बता दें कि कुछ लोगों का यह मानना था कि गुमनामी बाबा ही नेताजी थे जो भेष बदलकर उत्तर प्रदेश में रह रहे थे.