नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी. मकसद था जरूरत की चीजों को हिंदुस्तान में ही बनाना. अब रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया को बढ़ाया देने के लिए देश में ही मिसाइलें बनाने का फैसला किया है. डीआरडीओ को मिसाइलें बनाने के लिए पूरे 18 हजार करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है, लेकिन भारत अब इन मिसाइलों को ना केवल बनायेगा बल्कि दुनियाभर को मुल्कों को बेचेगा भी और हिंदुस्तान पर बरसेगा सोना.
मेक इन इंडिया पीएम मोदी का वो सपना जिसे मोदी किसी भी कीमत पर पूरा करना चाहते हैं और इसकी बड़ी उम्मीद दिखाई है रक्षा मंत्रालय ने. जी हां, अब तक भारत दूसरे मुल्कों से जरूरत के हथियार खरीदता था लेकिन अब देश में ही हथियार और मिसाइलें खुद भारत बनायेगा. रक्षा मंत्रालय ने विदेशी हथियार कंपनियों की बजाये डीआरडीओ पर भरोसा जताया है. ना केवल भरोसा दिखाया है बल्कि सैंकड़ों मिसाइलें बनाने का ठेका भी दिया है. जिसपर पूरे 18 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते डिफेंस एक्यूविजिशन काउंसिल की हुई बैठक में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने ये फैसला लिया. डीएसी की इस बैठक में जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी रेंज की मिसाइल का मुद्दा उठा, जहां सरकार को फैसला करना था कि वो विदेशी मिसाइल सिस्टम खरीदे या फिर जमीन से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल को तरजीह दे. सूत्रों के मुताबिक, जेटली ने यहां देसी विकल्प को चुना.
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