नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम की हार के बाद मुख्यंत्री केजरीवाल को जनता की याद सताने लगी है. उन्हें लगता है कि दिल्ली की जनता उनसे दूर होती जा रही है.
इस दूरी को हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली की जनता से एक घंटे मंत्री और अधिकारी मुलाकात करेंगे. इस दौरान कोई सरकारी मीटिंग नहीं रखी जाएगी. केजरीवाल के इस फरमान को मनीष सिसोदिया ने मीडिया के सामने रखा और कहा कि 10 से 11 बजे सुबह अधिकारी हो या मंत्री, जनता से सोमवार से शुक्रवार को मिलेगा और उनकी समस्या की सुनवाई करेगा.
मंत्री कहा मिलेगा, कैंप ऑफिस में या सचिवालय में फिलहाल अभी ये बात तय नहीं हुई है लेकिन मनीष सिसोदिया की बात से ये तो साफ जाहिर हो रहा था कि पहले अधिकारी जनता की सुनवाई करेगें. दिल्ली सरकार ने एक तरफ जनता प्यार और दूसरी तरफ अधिकारी को एक घंटे व्यस्त रखने की कवायद शुरू कर दी है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि जनता दरबार से अलग कानस्पेट होगा लेकिन जनता को मंत्री और अधिकारियों से मिलने के लिए एक जून तक का इंतेजार करना पडेगा.
मनीष सिसोदिया ने बताया था कि इसे एक जून तक लागू किया जाएगा लेकिन इस फरमान को जारी किए हुए महज कुछ दिन ही हुए की मंत्री अपने कैंप ऑफिस और पार्टी ऑफिस में लोगों से मिलना शुरू कर दिया है और जन सुनवाई भी शुरू कर दी है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन जहां कैंप ऑफिस में लोगों से दस से ग्यारह बजे मिलते दिखे, तो वहीं गोपाल राय पार्टी ऑफिस में लोगों से मिलते हुए दिखाई दिए.
इस मामले में जब सतेन्द्र जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पहले हम तीन दिन ही जनता से मिला करते थे लेकिन अब सोमवार से शुक्रवार मिलेंगे. लोगों का कहना है कि हम मंत्री इमरान हुसैन से मिलने गए लेकिन वो नहीं मिले. समस्या बडी है, हम रोज कमाने और खाने वाले है, हमसे हमारा रोजगार छिना जा रहा है लेकिन हम लोगों की सुनवाई कहीं नहीं हो रही है. मंत्री समय से पहले आदेश का पालन करते दिख रहे है लेकिन अब भी जनता इस बात से वाकीफ नही है कि कौन सा मंत्री कहां मिलेगा और सुनवाई कौन करेगा?