नई दिल्ली: रमजान का पाक महीना आज से शुरू हो गया है. इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रमजान के महीने में तीस दिनों तक रोजा रखते हैं. रोजदारों के लिए इस बार कुछ मुश्किलें हो सकती हैं क्योंकि करीब 30 साल बाद इस बार 15 घंटे से ज्यादा का होगा.
हालांकि रोजा चाहे जितना भी लंबा हो रोजगारों को इसकी कोई परवाह नहीं है. उनका मानना है कि जितनी ज्यादा देर तक रोज़ा होगा उन्हें इबादत करने और सबाब हासिल करने का उतना ही ज्यादा मौका मिलेगा.
वहीं सबसे लंबा रोजा ग्रीनलैंड में 21.5 घंटे और आइसलैंड में 21 घंटे का है और सबसे छोटा रोजा अर्जेंटीना में होगा, वहां रोजा 11.32 घंटे का होगा. बता दें कि रमजान का यह पवित्र महीना 27 जून को खत्म होगा.
बता दें कि रमजान एक पवित्र महीना है, रोजे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग न ही दिन में कुछ खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं. कुरान में इस बात का जिक्र किया गया है कि अल्लाह ने पैगम्बर साहब को अपने दूत के रूप में चुना था. बता दें कि रमजान माह के आखिरी दस दिन काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इसे लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि इन दिनों में कुरान पूरी हुई थी.
इन बातों का रखें खास ख्याल
रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के पीछे इस बात का तर्क दिया जाता है कि व्यक्ति अपनी बुरी आदतों से तो कोसो दूर रहता ही है लेकिन साथ ही वह खुद पर संयम भी रखता है. खाना तो दूर की बात खाने के बारे में भी किसी व्यक्ति को सोचना भी नहीं चाहिए. क्या आप जानते हैं कि रोजे के दौरान अगर कोई शख्स झूठ बोलता है, पीठ पीछे किसी की बुराई करना, झूठी कसम खाना, लालच करना या कोई भी गलत काम करता है तो उसका रोजा टूटा हुआ माना जाता है.
रोजा रखने के बारे में ऐसा कहा जाता है कि हमें इसे ये सीख मिलती है कि हमें कोई गलत काम नहीं करना चाहिए. रमजान में व्यक्ति को अपना मन शुद्ध रखना होता है. ऐसा भी कहा जाता है कि जितनी हो सके उतनी गरीबों की मदद करनी चाहिए. क्या आप इस बात से वाकीफ हैं कि रमजान के महीने में जो भी नेक कार्य किया जाता है, उसका 70 गुना पुण्य मिलता है. इसी के साथ पूर साल किए गए अपने गुनाहों के लिए भी माफी मांगी जाती है.