नई दिल्ली: क्या यूपी की सड़कों पर रात में गुंडों का राज होता है ? क्या रात में पुलिस की गाड़ी से ज्यादा तेज़. बदमाशों का दिमाग चलता है ? या फिर सांझ ढलते ही यूपी पुलिस नींद के नशे में डूब जाती है ?
इन सवालों को लेकर इंडिया न्यूज़ लगातार पड़ताल कर रहा है. हम शहर-शहर और हाईवे पर इसकी हकीकत जान रहे हैं. आज सबसे पहले आपको ग्रेटर नोएडा की रिपोर्ट दिखाते हैं क्योंकि यहीं तीन दिन पहले आधी रात में चार महिलाओं से गैंगरेप की वारदात हुई थी.
इसकी पड़ताल करते रात साढ़े तीन बजे हमारे संवाददाता ग्रेटर नोएडा के परी पुलिस चौकी पहुंचे. आपने परी पुलिस चौकी की बाहर की तस्वीर देखी. चौकी के बरामदे में कुर्सियां खाली थी. हमारे रिपोर्टर चौकी में कमरे के अंदर गए तो कॉनस्टेबल दो कुर्सियों को बिस्तर बनाकर सो रहे थे.
सुना आपने कॉन्स्टेबल शिव कुमार अधाना ड्यूटी पर हैं, निगरानी की ड्यूटी पर. लेकिन हमारे कैमरे में जनाब सोते पकड़े गए. हमने इनसे पूछा कि इतनी मुस्तैदी में यहां अगर बदमाश आ जाएं तो आप क्या करेंगे ? ऐसे तो होती है ग्रेटर नोएडा पुलिस की ड्यूटी.
आधी रात कॉन्स्टेबल खर्राटे भरते हैं. और इनकी सुरक्षा की गारंटी पीसीआर में होती है. ग्रेटर नोएडा के बाद हम आपको आधी रात सहारनपुर पुलिस की हकीकत दिखाते हैं. वही सहारनपुर जो करीब एक महीने से जातीय हिंसा में सुलग रहा है.