नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र में विपक्ष से निपटने के लिए रविवार को भाजपा और केंद्र सरकार के रणनीतिकारों ने राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दो दौर की बैठकों में वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान से ललित मोदी और व्यापम मामलों पर पूरी जानकारी हासिल की है. बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू समेत आधा दर्जन प्रमुख केंद्रीय मंत्री मौजूद थे. बाद में शाम को प्रधानमंत्री ने भी सरकार और संगठन के कोर गु्रप के साथ बैठक कर संसदीय रणनीति पर चर्चा की.
क्यां है मोदी-शाह का प्लान
ललित मोदी मामले और मध्य प्रदेश के व्यपाम घोटाले पर विपक्ष के तीखे तेवरों से सरकार की चिंताएं बढ़ी हुई हैं. संसद का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है. विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा के आरोपी मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के इसतीफे नहीं होने पर संसद नहीं चलने देगा. विपक्षी रणनीति से निपटने के लिए सरकार ने जवाबी तैयारी शुय कर दी है. शाह ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज चौहान से उनसे जुड़े मामलों पर पूरी जानकारी हासिल की ताकि संसद में उनके बचाव में उठा जा सके.
सूत्रों के अनुसार सुषमा अपने ऊपर लगे आरोपों का खुद जवाब देंगी जबकि शिवराज सिंह और वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों के बचाव में दोनों सदनों में भाजपा के सदन के नेताओं समेत प्रमुख मंत्री मोर्चा संभालेंगे. अमित शाह के आवास पर दोपहर में हुई बैठक में वसुंधरा राजे पहुंची थीं लेकिन शिवराज सिंह चौहान खराब मौसम के चलते दिल्ली नहीं आ सके। हालांकि बाद में चौहान शाम को दिल्ली पहुंचे और शाह और प्रमुख नेताओं को व्यापम मामले से जुड़ी सारी जानकारियां दीं.
पहली बार बुलाई एनडीए की बैठक
इस बीच, रविवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर भाजपा के कोर टीम के नेताओं के साथ संसद सत्र की नीति पर चर्चा की. इस बैठक में अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और वेंकैया नायडू शामिल हुए. सोमवार को राजग नेताओं के साथ होने वाली बैठक के पहले प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों से चर्चा कर संसद सत्र की रणनीति पर विचार विमर्श किया. सुषमा, वसुंधरा और चौहान से मिली जानकारी के आधार पर पार्टी फिलहाल संसद में इन नेताओं का जोरदार बचाव करेगी. प्रधानमंत्री 20 जुलाई को राजग के सहयोगी नेताओं को भी ललित मोदी और व्यापम घोटाले से जुड़े सारे तथ्यों और रणनीति पर चर्चा करेंगे. सरकार विपक्षी रणनीति से निपटने के लिए राजग को पूरी तरह विश्वास में लेने में जुटी हुई है. सरकार की चिंताएं इसी बात से स्पष्ट हो जाती हैं कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार राजग की बैठक हो रही है.
एजेंसी इनपुट भी
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