नोएडा : जेवर गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि प्राइमरी रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि प्राइमरी रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ ने बयान दिया है कि प्राइमरी रिपोर्ट की माने तो रेप हुआ ही नहीं है. वहीं पुलिस ने यह भी कहा है कि पीड़ित परिवार से इस मामले में पूछताछ की जाएगी कि बयान लगातार क्यों बदले जा रहे हैं. हालांकि पुलिस ने कहा है कि अभी फिलहाल दूसरी रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है, लखनऊ से रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
वहीं पीड़ित महिला ने भी आज अपना बयान पलटा है. महिला आरोपियों के नाम से पलट गई है. महिला ने कहा कि हो सकता है कि मैंने बदहवासी में नाम लिए हों. हालांकि पीड़ित महिला के नाम लेने पर पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
जेवर गैंगरेप मामले में पुलिस ने शाह आलम, नसीर और मुन्ना को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पीड़ित महिला ने गुरुवार को इंडिया न्यूज़ से बातचीत में शाह आलम और नसीर समेत पांच लोगों के नाम लिए थे. पुलिस को भी दिए बयान में इन लोगों के नाम लिए थे जिसके बाद इनको हिरासत में लिया गया.
100 नंबर पर सुनवाई नहीं !
इस केस में सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि मौका ए वारदात से जेवर का थाना महज 3 से 4 किलोमीटर दूर है. घटना के बाद मौके पर पहुंच कर सर्वे किया और फिर लौट आई. ग्रेटर नोएडा कांड में परिजनों के इन आरोपों पर पुलिस सफाई तो दे रही है लेकिन ये भी मान रही है कि कॉल मिलने के बाद उसे यहां तक आने में एक घंटे का वक्त लग गया.
क्या है पूरा मामला ?
24 मई की देर रात बुलंदशहर जा रही कार को बदमाशों ने जेवर के पास टायर में गोली मारकर रुकवाया. कार रुकने के बाद 5 से 6 बदमाश कार के पास पहुंचे. कार में चार महिलाएं मौजूद थीं, उनके साथ एक युवक भी भी मौजूद था, जिसे बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया.
बदमाशों ने पहले तो सभी महिलाओं को बंधक बनाया, फिर लूटपाट की. जब इसका विरोध किया गया तो बदमाश महिलाओं को खींचकर खेतों में लेकर गए, जहां महिलाओं के साथ गैंगरेप किया गया. सूचना मिलने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि महिलाएं बुलंदशहर में बीमार बहन से मिलने जा रही थीं.