ढोला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के शुक्रवार को तीन साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर पीएम मोदी ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल को देश के नाम समर्पित किया. उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने असम के ढोला में संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोग 5 दशक से इस पुल का इंतजार कर रहे थे, उन्हें अब जाकर यह पुल मिला है.
पीएम मोदी ने कहा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी का सरकार दोबारा जीतकर आई होती तो यह ब्रिज आपको 10 साल पहले मिल गया होता. साल 2003 में हमारे एक विधायक जगदीश भुवन ने वाजपेयी जी को पुल के निर्माण के लिए एक पत्र लिखा, उन्होंने मंजूरी दे दी लेकिन तभी सरकार बदल गई और पुल के निर्माण में देरी होती गई.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बात निश्चित है कि अगर विकास को स्थायी रूप देना हो, स्थायी रूप से विकास को गति देनी है तो मूलभूत ढांचा पहली शर्त है. पुल बनने से लोगों की जिंदगी के मूल्यवान समय की बचत होगी, पुल बनने से रोजाना पेट्रोल-डीजल में 10 लाख रुपए की बचत होगी. उन्होंने कहा कि पुल बनने से एक आर्थिक क्रांति होगी और विकास के नए रास्ते खुलेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि जो काम 15-15 सालों में रहकर नहीं किया जाता, हमारी सरकार ने कुछ ही समय में पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए उतना धन खर्च किया है. अब हमारा जोर जल परिवहन पर होगा, योजना पर काम शुरू हो चुका है. नार्थ-ईस्ट को पूरे भारत से जोड़ने और पूरे भारत को नार्थ-ईस्ट से जोड़ने का काम हम कर रहें है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने इस ब्रिज का नाम भूपेन हजारिका के नाम पर करने का फैसला किया है, यह हमारी इस धरती को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. बड़े गायक भूपेन हजारिका असम के रहने वाले थे जिनके नाम पर मोदी सरकार ने पुल का नाम रखने का फैसला किया है.