नोएडा: जेवर गैंगरेप मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने शाह आलम और नसीर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पीड़ित महिला ने गुरुवार को इंडिया न्यूज से बातचीत में कहा शाह आलम और नसीर समेत पांच लोगों के नाम लिए थे. पुलिस को भी दिए बयान में इन लोगों के नाम लिए थे जिसके बाद दोनों को हिरासत में लिया गया.
100 नंबर पर सुनवाई नहीं !
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि मौका ए वारदात से जेवर का थाना महज 3 से 4 किलोमीटर दूर है. घटना के बाद मौके पर पहुंच कर सर्वे किया और फिर लौट आई. ग्रेटर नोएडा कांड में परिजनों के इन आरोपों पर पुलिस सफाई तो दे रही है लेकिन ये भी मान रही है कि कॉल मिलने के बाद उसे यहां तक आने में एक घंटे का वक्त लग गया.
पुलिस और पीड़ितों के बयान में अंतर क्यों?
पीड़ितों के मुताबिक कार मालिक ने जैसे ही ड्राइवर के फोन पर लुटेरों से हो रही बातचीत को सुना उसने 100 नंबर पर फोन मिला दिया. लेकिन पुलिस के मुताबिक उसे पहली कॉल रात करीब ढाई बजे मिली. वहीं पीड़ितों की मानें तो कार मालिक को रेस्पॉन्स नहीं मिला तो वो थाने जा पहुंचा.
जबकि पुलिस कह रही है कि दो बजकर तैंतीस मिनट पर डायल 100 के लिए मैसेज फ्लैश कर दिया गया था. पीड़ितों के मुताबिक कार मालिक के कहने पर ही पुलिस वाले थाने से निकले. जबकि पुलिस का दावा है कि दो बजकर छत्तीस मिनट पर PRV यानी पुलिस रेस्पॉन्स व्हीकल को इत्तला मिल गई. पीड़ितों के मुताबिक पुलिस पौने चार बजे पहुंची जबकि पुलिस दावा कर रही है कि वो तीन बजे से पहले ही मौके पर पहुंच गई थी और पौन चार बजे SSP मौके पर मौजूद थे.
क्या है पूरा मामला ?
बुलंदशहर जा रही कार को बदमाशों ने जेवर के पास टायर में गोली मारकर रुकवाया. कार रुकने के बाद 5 से 6 बदमाश कार के पास पहुंचे. कार में चार महिलाएं मौजूद थीं, उनके साथ एक युवक भी भी मौजूद था, जिसे बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया.
बदमाशों ने पहले तो सभी महिलाओं को बंधक बनाया, फिर लूटपाट की. जब इसका विरोध किया गया तो बदमाश महिलाओं को खींचकर खेतों में लेकर गए, जहां महिलाओं के साथ गैंगरेप किया गया. सूचना मिलने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि महिलाएं बुलंदशहर में बीमार बहन से मिलने जा रही थीं.