नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के शुक्रवार को तीन साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर पीएम मोदी ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल को देश के नाम समर्पित करेंगे. इस पुल से पूर्वोत्तर का सफर कई घंटे छोटा हो जाएगा. वहीं, चीन के बॉर्डर तक सेना की पहुंच में भी अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.
तैयार है देश का सबसे लंबा पुल
असम के ब्रह्मपुत्र नदी पर बना ये हिंदुस्तान का सबसे लंबा और सबसे ताकतवर पुल है. इसका नाम ढोला-सदिया पुल है. इसकी ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ये पुल 60 टन वजनी युद्धक टैंक का भार भी उठा सकता है. यानी इस पुल से गाड़ियों की तरह ही सेना के भारी-भरकम टैंक सरपट दौड़ सकते हैं. इसकी इन्हीं खूबियों ने चीन की चिंता बढ़ा दी है.
दरअसल ये पुल असम के सदिया को अरुणाचल के ढोला से जोड़ता है. ढोला पहुंचने के बाद LAC यानी चीनी बॉर्डर की दूरी 100 किलोमीटर से भी कम रह जाती है. यानी युद्ध की स्थिति में चंद घंटों के भीतर भारतीय टैंक चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बॉर्डर पर तैयार खड़े होंगे. 9.15 किलोमीटर लंबे इस पुल से असम और अरुणाचल के बीच का सफर 4 घंटे छोटा हो जाएगा.
अगले 20 दिनों तक बीजेपी नेताओं के दौरे
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर बीजेपी सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री कल से अगले 20 दिनों तक देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. बीजेपी के मुख्यमंत्री और मंत्री उन राज्यों में जाएंगे जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार जा रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्नाटक और ओडिशा जाएंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह केरल और अंडमान निकोबार जाएंगे.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि असम में प्रधानमंत्री मोदी एक साथ दो-दो जश्न मनाने जा रहे हैं. केंद्र में उनकी सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं और बुधवार को ही असम में बीजेपी की पहली सरकार का पहला साल पूरा हुआ है. असम को पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों पर मोदी सरकार और बीजेपी की खास नजर है, जहां पहले अरुणाचल प्रदेश और फिर मणिपुर में बीजेपी ने सरकार बनाई है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार के तीन साल के जश्न की शुरुआत भी गुवाहाटी से कर रहे हैं.
जिसे नाम दिया गया है मोदी-फेस्ट. इसके लिए बीजेपी ने एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने की तैयारी की है. इस कार्यक्रम के जरिए मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियों का हिसाब देंगे, जिसे बाद में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बाकी राज्यों में प्रचारित करेंगे.