सूरत: तीन तलाक जैसी कुप्रथा की चपेट में आकर बेसहारा हो चुकी महिलाएं धर्म के आड़ में बलि चढाई जा रही हैं. जिसके खिलाफ पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में सूरत की मुस्लिम महिलाएं हल्ला बोल किया है. आज ट्रीपल तलाक की पीड़ित महिलाओं के समर्थन में बैनर के साथ मुस्लिम महिलाएं सूरत पुलिस आयुक्त ज्ञापन दिया.
महिलाओं ने मांग की वह निकाहनामा में काजी की हजारी में उल्लेख किया जाए कि वह ट्रिपल तलाक को महिलाए नही मानेंगी. गुजरात में पहली बार ऐसा हुआ है कि मुस्लिम महिलाओं ने अपनी हक की लड़ाई और ट्रिपल तलाक की कुप्रथा के विरोध में सूरत पुलिस को ज्ञापन दिया हो.
मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ हाथ में बेनर लेकर सूरत पुलिस आयुक्त की कचहरी पहुंची. प्रदर्शन में शामिल रोती सुल्ताना के ज्ञापन सौंपते वक्त आखों में आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. दरअसल सुल्ताना के शौहर ने तीन तलाक दे दिया लेकिन उसे यह तक नही पता कि आखिर उसे तलाक क्यों दिया गया है.
आज भी सुल्ताना अपने पति के साथ एक सामान्य जिंदगी जीना चाहती है इसी बात का गम उसे अंदर ही अंदर खोखला बनाए जा रहा है. वह इसको तलाक को नही मानती. उसका कहना है कि उसके पति ने उसे यह तक धमकी दी कि वह चार महीने के अंदर दूसरी शादी कर लेगा.
वहीं दूसरी तीन तलाक की पीड़िता सुमैया का कहना है कि उसकी चार महीने पहले ही शादी हुई थी लेकिन उसके पति ने उसे न केवल बेरहमी से पीटा बल्कि घर के बाहर धकेल दिया. साथ ही तीन बार तलाक बोल कर चला गया. आज सुमैया अंसारी पर जो बीत रही है शायद वह बहुत सी मुस्लिम महिलाओं के एक जैसे दर्द का अनुभव करवाती हैं. जिन्हें तीन बार तलाक बोल कर छोड़ दिया जाता है.