नई दिल्ली: सोलर पैनल लगाने के मामले में दिल्ली को लेकर चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. दिल्ली में पिछले साल केवल 35.9 मेगावाट क्षमता का सोलर छतों पर पाया है. जबकि दिल्ली की कुल सोलर क्षमता 2500 मेगावाट है. मतलब कुल सोलर क्षमता का लगभग डेढ़ प्रतिशत मेगावाट क्षमता का सोलर ही अभी तक लगा है.
ग्रीनपीस की ओर से जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली सौर उर्जा के मामले में दिन पर दिन पीछे होती जा रही है. इसमें भी मार्च 2016 में सिर्फ 3 मेगावाट आवासीय क्षेत्र में सोलर सिस्टम लगा है. ग्रीनपीस के अनुसार दिल्ली की कुल सोलर क्षमता 2,500 मेगावाट है, जिसमें 1,250 मेगावाट आवासीय क्षमता में शामिल है. आधिकारिक रूप से दिल्ली में 2020 तक 1,000 मेगावाट सोलर लगाने का लक्ष्य है. वहीं 2025 तक इसे बढ़ा कर 2,000 किया जाना है.
मुंबई भी फिसड्डी
छत पर सोलर पैनल लागने में मुंबई भी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए है. मुंबई में भी अपने क्षमता के हिसाब से कोसो दूर है. स्थिति ये है कि यहां पर लक्ष्य का एक प्रतिशत मेगावाट सोलर पैनल नहीं लग पाया है. ग्रीनपीस से मिली जानकारी के हिसाब से मुंबई की क्षमता 1720 मेगावाट है, लेकिन अभी तक वहा 5 मेगावाटा क्षमता के ही सोलर लगाए गए हैं. इस संबंध में ग्रीनपीस इंडिया की कैंपेनर पुजारिणी सेन ने कहा कि दिल्ली के साथ-साथ देश में छत पर सोलर लगाने की प्रक्रिया बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है.
तमिलनाडू में केवल 2 मेगावाट
दिल्ली मुंबई के बाद तमिलनाडू का भी हाल बेहाल है.पूरे राज्य में अभी तक केवल 2 मेगावाटा का सोलर पैनल लगाया गया है, जबकि लक्ष्य 350 मेगावाट का रखा गया है. मतबल लक्ष्य एक प्रतिशत से भी कोसो दूर है. जबकि पूरे देश में स्थिति और गंभीर है. आकड़ो के हिसाब से अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने 2022 तक 40 गिगावाट सोलर छत पर लगाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन दुर्भाग्य ये है कि दिसंबर 2016 तक सिर्फ 1 गिगावाट क्षमता का ही सोलर पैनल लगा पाएं है.