नई दिल्ली. उफा में जब प्रधानमंत्री मोदी और नवाज़ शरीफ की मुलाकात हुई थी, तब कांग्रेस सवाल पूछ रही थी कि पाकिस्तान में ऐसा क्या बदलाव आया है, जिसे देखकर भारत बातचीत शुरू कर रहा है. इस सवाल का जवाब तो नहीं मिला, लेकिन मोदी और नवाज़ की मुलाकात के बाद सरहद पर गोलाबारी तेज़ करके पाकिस्तान ने बता दिया कि उसका रवैया जस का तस है.
पाकिस्तान की तरफ से ईद के दिन भी जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर फायरिंग होती रही. पाकिस्तान ने ईद पर बीएसएफ की मिठाई तक ठुकरा दी. पाक के मंसूबे देखकर कांग्रेस ने ताना मारा कि प्रधानमंत्री रहते मनमोहन सिंह 10 साल में एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए. फिर मोदी ने पाकिस्तान जाने का न्योता कबूल करने में जल्दबाज़ी क्यों दिखाई ? फिलहाल बॉर्डर पर जो हालात हैं, उससे ये बहस बड़ी हो गई है कि क्या अब भी पाकिस्तान से रिश्ते सुधरने की उम्मीद है ?
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