नई दिल्ली. वरिष्ठ अधिवक्ता लिली थॉमस ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू से सोमवार को गुड फ्राइडे पर सम्मेलन आयोजित न करने का आग्रह किया. लिली का कहना था कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा न करें, क्योंकि गुड फ्राइडे महत्वपूर्ण दिन है और इस दिन मानव जाति को उनके सभी पापों से मुक्ति मिली थी. हालांकि दत्तू ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें याचिका दायर करने की सलाह दे डाली.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह सम्मेलन छुट्टी वाले दिन सिर्फ इसलिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि काम का एक दिन बचाया जा सके और पहले भी छुट्टी वाले दिन यह सम्मेलन आयोजित किए जाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि साल 2007 में यह सम्मेलन वाल्मिकी दिवस पर आयोजित किया गया था और 2009 में यह स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित किया गया था. उस समय किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई थी.
न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा, “वर्ष 2007 और 2009 में तो किसी को आपत्ति नहीं हुई थी. आज क्यों है, क्या सिर्फ इसलिए कि मैं भारत का प्रधान न्यायाधीश हूं? उस समय आध्यात्मिकता का क्या हुआ था? यदि आप इसका विरोध करना चाहती हैं, तो याचिका दाखिल कीजिए और न्यायालय उस पर फैसला सुनाएगा.”
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