नई दिल्ली: आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये कहना गलत कि ये कोर्ट आम आदमी के लिए हमेशा उपलब्ध नहीं होता, सुप्रीम कोर्ट देश के आम नागरिक के लिए हमेशा उपलब्ध है.
दरअसल याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में दलील की गई थी कि मामला कभी इस कोर्ट से दूसरे कोर्ट में जा रहा है ऐसे में आम आदमी कोर्ट को अप्प्रोच नहीं कर पा रहा है.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जरनल ने कहा कोर्ट तो सुबह 4 बजे भी याचिका पर सुनवाई करती है और मुझे 2 बजे रात को फ़ोन आता है कि सुबह 4 बजे सुनवाई होनी है और मुझे रहना है.
केंद्र सरकार ने ये भी साफ़ किया की कल्याणकारी योजनाओं के लिए 30 जून की अंतिम सीमा को नहीं बढ़ाएगी. केंद्र सरकार ने कहा केवल संवैधानिक पीठ इस मसले पर सुनवाई कर सकती है. केंद्र सरकार ने कहा कि जब उन्हें अंतरिम राहत चाहिए थी तो उन्होंने संवैधानिक पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल की थी और संवैधानिक पीठ ने याचिका पर सुनवाई कर राहत दी थी क्योंकि मामला संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित हैं.
अब 27 जून को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
दरअसल शांता सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने से रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में कहा गया है कि कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को जोड़ने के लिए सरकार ने तीस जून की डेडलाइन तय कर रखी है.