नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है. विद्या वीरता अभियान के तहत जेएनयू अपने परिसर में ‘वॉल ऑफ हीरोज’ स्थापित करने वाली देश की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है. बता दें कि परमवीर चक्र पाले वाले शहीदों की याद में ये दीवार हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बनाई जाएगी.
मंगलवार को जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने विद्या वीरता अभियान के तहत 15×20 फुट की ‘शौर्य दीवार’ का उद्घाटन किया. बता दें इस दीवार में 21 परमवीर चक्र विजेताओं की तस्वीरें लगी हैं.
जेएनयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा अगर हम अगर हम यहां प्रयोगशाला में बैठते हैं और पढ़ाई करते हैं, अगर स्टूडेंट्स यहां शांति पूर्ण तरीके से डिबेट और विचार-विमर्श करते हैं, तो ये सिर्फ जवानों की शहादत की वजह से. उन्होंने कहा कि हम लकी हैं जो जवानों के लिए वॉल ऑफ हीरोज सबसे पहले जेएनयू में बना है.
बता दें कि जेएनयू में शौर्य दीवार के अनावरण के मौके पर इस प्रोग्राम के चीफ गेस्ट रिटायर्ड मेजर पीके सहगल थे. साथ ही इस मौके पर कई पूर्व सैनिक, प्रोफेसर और शहीद जवानों के परिवार वाले मौजूद थे.
मेजर जनरल पीके सेहगल ने कहा कि “यह देखना बहुत अच्छा है कि सरकार ने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए इस तरह की पहल की है.”
गौरतलब है कि राज्य सभा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने इस विचार को सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया था. इस मौके पर वे भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शौर्य दीवार हमारी सेनाओं की अजेय भावना की अभिव्यक्ति है.
बता दें कि जेएनयू में शौर्य दीवार का सबसे पहले बनना इसलिए भी खास है क्योंकि जेएनयू पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के अक्सर आरोप लगते रहे हैं. बता दें कि पिछले महीने ही मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में परमवीर चक्र विजेताओं के सम्मान में परिसर में शॉर्य दीवार स्थापित करने का निर्देश जारी किया है.