Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • NSG सदस्यता पर भारत की रूस को खरी-खरी, ‘समर्थन नहीं तो परमाणु समझौते पर साइन नहीं’

NSG सदस्यता पर भारत की रूस को खरी-खरी, ‘समर्थन नहीं तो परमाणु समझौते पर साइन नहीं’

एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर भारत ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप का पूर्ण सदस्य बनने में असमर्थ होता है, तो वह परमाणु ऊर्जा विकास के अपने कार्यक्रम में विदेशी सहयोगी का सहयोग करना बंद कर देगा.

Advertisement
  • May 17, 2017 7:09 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर भारत ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप का पूर्ण सदस्य बनने में असमर्थ होता है, तो वह परमाणु ऊर्जा विकास के अपने कार्यक्रम में विदेशी सहयोगी का सहयोग करना बंद कर देगा.  
 
भारत ने साफ कह दिया है कि ऐसी स्थिति में वह रूस के साथ कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की 5वीं और 6वीं रिऐक्टर यूनिट्स को विकसित करने से जुड़े MoU को ठंडे बस्ते में डाल सकता है.
 
रूस को भी यह महसूस होने लगा है कि भारत कुडनकुलम एमओयू को लेकर जानबूझकर देरी कर रहा है ताकि वह एनएसजी सदस्यता के लिए रूस पर दबाव डाल सके. एमओयू साइन करने को लेकर रूस के उपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में यह मुद्दा उठाया था.
 
अगले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात होने वाली है. पुतिन-मोदी मुलाकात में अब बस दो हफ्ते बाकी रह गए हैं. ऐसे में रूस को चिंता सता रही है कि अगर एमओयू साइन नहीं हो पाता है तो इस वार्ता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.
 
बता दें कि पिछले सप्ताह चीन के महत्वाकांक्षी OBOR प्रॉजेक्ट की समिट में शामिल होने के लिए पुतिन खुद पेइचिंग गए थे. भारत के अन्य पड़ोसियों की तरह रूस भी यह मानता है कि OBOR का उस विवादित CPEC से कोई सीधा संबंध नहीं है जो भारत के लिए संप्रभुता से जुड़ा मसला है.

Tags

Advertisement