असम: 2 हिंदी भाषियों की हत्या, राजनाथ ने की गोगोई से बात

नई दिल्ली. असम में दो हिंदी भाषियों की हत्या के बाद आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से इस मामले पर बात की. क्रेंद ने हिंदी भाषियों की हत्या पर अपनी चिंता जताई है. आपको बता दें अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ़ असम (उल्फा) के कैडरों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बुधवार से व्यापक अभियान शुरू किया है. इसके तहत असम-अरुणाचल के सीमावर्ती जंगलों में उल्फा के कैडरों की तलाश की जा रही है.
 
क्या है विवाद
पुलिस के मुताबिक़ उल्फा के तीन संदिग्ध कैडरों ने मंगलवार को ऊपरी असम के तिनसुकिया ज़िल के पेंगेरी इलाक़े में एक हिंदीभाषी कारोबारी के परिवार पर हमला कर 65 साल के नंदलाल साह और उनकी 21 साल की बेटी काजोल की हत्या कर दी थी. हमलावरों की गोली से घायल हुईं साह की पत्नी मोती देवी, बेटे मनोज और भतीजे अक्षयलाल साह का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. अभी तक उल्फ़ा या किसी भी संगठन ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी नहीं ली है.
 
विरोध-प्रदर्शन
बुधवार को भोजपुरी युवा छात्र परिषद ने ज़िले के कई स्थानों पर सड़क जामकर विरोध जताया. प्रदर्शकारियों पर हुए लाठीचार्ज में घायल हुए दीनबंधु शर्मा की अस्पताल में मौत हो गई. व्यापारी की हत्या के विरोध में परिषद ने गुरुवार सुबह पांच बजे से 36 घंटे के बंद की अपील की गई है. तिनसुकिया ज़िले  बंद को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. पुलिस के मुताबिक़ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आरएम सिंह अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति पर नजर रखने के लिए पेंगेरी में डेरा डाले हुए हैं. उल्फा के गढ़ रहे तिनसुकिया जिले के पेंगेरी अंचल में यह पहला मौका है जब इतनी तादाद में लोग घटना के विरोध में सड़क पर आए हैं.
 
पुलिस का संदेह
इस हमले को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है. इससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. लोगों ने उल्फा के विरोध में नारेबाज़ी की.
असम पुलिस ने एक बयान जारी कर घटना के पीछे उल्फा का हाथ होने का संदेह जताया है.पेंगेरी थानाक्षेत्र का बिजुलीबन का यह वही इलाका है, जहां उल्फा ने 2007 में बड़ी संख्या में बिहारी प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी. ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार को पुलिस के एक दल ने गांव में हिन्दीभाषियों की गिनती कर उन्हें सावधान रहने को कहा था. लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात नहीं की गई थी. खुफिया रिपोर्ट में उल्फ़ा कैडरों की तिनसुकिया ज़िले में सक्रियता बढ़ने की बात भी सामने आती रही है.

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