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तो इस डर की वजह से अमरकंटक के लिए हेलिकॉप्टर से नहीं गए PM मोदी

नर्मदा सेवा यात्रा के समापन के मौके पर आज पीएम नरेन्द्र मोदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक पहुंचे. यहां पीएम ने लोगों से नर्मदा को बचाने का संकल्प दिलवाया. दरअसल अमरकंटक मध्य प्रदेश में वो जगह है जहां से नर्मदा नदी निकलती है. यहां पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी ने नमामि देवी नर्मदे यात्रा समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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  • May 15, 2017 5:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
अमरकंटक: नर्मदा सेवा यात्रा के समापन के मौके पर आज पीएम नरेन्द्र मोदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक पहुंचे. यहां पीएम ने लोगों से नर्मदा को बचाने का संकल्प दिलवाया. दरअसल अमरकंटक मध्य प्रदेश में वो जगह है जहां से नर्मदा नदी निकलती है. यहां पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी ने नमामि देवी नर्मदे यात्रा समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
 
 
अमरकंटक पहुंचे पीएम मोदी ने सबसे पहले मां नर्मदा की पूजा की और फिर नर्मदा के उद्गम स्थल की परिक्रमा की. दरअसल नर्मदा सेवा यात्रा नर्मदा नदी को स्वच्छ करने के लिए शिवराज सरकार ने शुरू की थी. पिछले साल 11 दिसंबर को अमरकंटक से ये यात्रा शुरू हुई थी और 148 दिन चली नर्मदा सेवा यात्रा ने 3300 किमी की दूरी तय की.
 
 
अमरकंटक जाने वाले गंवाते हैं सत्ता ! 
अमरकंटक के बारे में मिथक है कि नर्मदा के उद्गम स्थल के आठ किमी के दायरे में जो भी हेलिकॉप्टर से आया, उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा. कहा जा रहा है कि इसी मिथक के चलते पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से आठ किमी की दूरी पर हेलीपैड बनाया गया था.
 
दरअसल 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जब अमरकंटक के दौरे पर आईं, तो उसके दो साल बाद ही 1984 में उनकी हत्या हो गई. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी ध्वंस से पहले हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आए थे. लेकिन अमरकंटक यात्रा के बाद उनकी सीएम पद की कुर्सी चली गई.
 
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह भी अपने कार्यकाल के दौरान हेलिकॉप्टर से यहां आये थे, और बाद में उन्हें कांग्रेस ही छोड़नी पड़ी. उमा भारती जब एमपी की सीएम थीं, तब 2004 में वो हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आईं थी, लेकिन उसके बाद ही उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा था. इसके बाद उमा भारती हमेशा सड़क मार्ग से ही अमरकंटक जाती हैं.
 
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि नर्मदा सेवा यात्रा पूरी दुनिया में किसी नदी के संरक्षण के लिए जन भागीदारी की अनोखी पहल है. नर्मदा के संरक्षण की ये मुहिम कारगर हुई, तो इससे गंगा, यमुना समेत देश की सभी नदियों के उद्धार का रास्ता मिल सकता है. लोगों की भागीदारी को आस्था के मजबूत बंधन से बांधा जाए, इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने नर्मदा की शपथ भी दिलाई.

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