भारत में भी देखने को मिला ‘वानाक्राइ रैंसमवेअर’ का असर, कई राज्यों में कंप्यूटर बंद

नई दिल्ली: खतरनाक साइबर अटैक ‘वानाक्राइ रैंसमवेअर’ का असर भारत में भी देखने को मिला है. सिक्योरिटी रिसर्च से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को ही चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि सोमवार को फिर से साइबर अटैक हो सकता है. भारत के पश्चिम बंगाल और केरल के कुछ इलाके में इस हमले का असर देखा गया है.
पश्चिम बंगाल पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ऑफिस में कई सारे कंप्यूटर इस हमले की जद में आ गए. पश्चिम बंगाल के बाद केरल की एक ग्राम पंचायत के ऑफिस में चार कंप्यूटरों पर यह साइबर हमला हुआ. अधिकारियों ने बताया कि जिन कंप्यूटरों पर यह हमला हुआ उस पर कोई भी फाइल नहीं खुल रही थी और तीन दिन के अंदर 300 डॉलर जमा कराने का संदेश आ रहा था.
दक्षिण भारतीय बैंक, दिल्ली की दो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) की एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, मुंबई की एक दिग्गज कंपनी और एक एफएमसीजी कंपनी के मुख्यालय शामिल हैं. इनके अलावा, आंध्र प्रदेश पुलिस के 100 से ज्यादा कंप्यूटर भी इस भयावह हमले के शिकार हुए हैं.
जिस भी कंप्यूटर में ये वायरस आता है वो काम करना बंद कर देता है इसके अलावा दूर से ही उसे लॉक किया जा सकता है. इस वायरस को हटाने के लिए और पुरानी फाइल वापस लाने के लिए पैसों की मांग की जाती है. ऑनलाइन जालसाजी रोकने वाली कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया इस वायरस के सोर्स और बचने के तरीकों पर लगातार काम कर रही है.
रैंसमवेयर वायरस इतना खतरनाक और स्मार्ट है कि यह ‘प्लीज रीड मी’ नाम से एक फाइल छोड़ता है जिसमें यह बताया जाया है कि कंप्यूटर के साथ क्या हुआ और कैसे फिरौती देनी है. अपने कंप्यूटर को इस वायरस से बचाने के लिए आपको कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए. मसलन किसी भी अनजान अटैंचमेंट वाली फाइल को ना खोलें. अटैचमेंट की फाइल के जरिए ये वायरस कंप्यूटर में चला जाता है इसलिए अटैचमेंट की फाइल को खोलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि वो सही सोर्स के द्वारा ही आई हो.
बीते शुक्रवार को यूरोप समेत दुनिया के 100 देशों में रेनसमवेयर वायरस से साइबर हमला हुआ था. इस हमले से दुनिया भर के लाखों कंप्यूटर ठप हो गए थे. माना जा रहा है कि हैकर्स ने अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर इतने बड़े पैमाने पर साइबर अटैक किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जिस तकनीक का इस्तेमाल करती थी वह इंटरनेट पर लीक हो गई थी और हैकर्स ने उसी तकनीक का इस्तेमाल किया. हैकर्स ने संदेश छोड़ा है कि अगर सबकुछ फिर से पहले जैसा करने है तो इन देशों को बिटकॉन में फिरौती देनी होगी.
यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया. इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (NHS) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 NHS निकाय इसके शिकार हुए. इससे कुछ अस्पतालों और आपात सेवाएं रद्द करनी पड़ीं. सुरक्षा फर्म कैस्परस्की लैब और अवेस्टसेड ने इस हमले के लिए जिम्मेदार मैलवेयर की पहचान की. दोनों सुरक्षा फर्मों का कहना है कि इस साइबर हमले से रूस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था.
क्या है रेनसमवेयर वायरस
रेनसमवेयर एक ऐसा वायरस है जो कंप्यूटर्स फ़ाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है. धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फ़ाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी. ये वायरस कंप्यूटर में मौजूद फ़ाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही खोला जा सकता है.
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