नई दिल्ली : भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन की राजधानी बीजिंग में शुरु हुए वन बेल्ट-वन रोड (सिल्क रोड) योजना के सम्मेलन का भारत ने बहिष्कार किया है. समारोह को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने संबोधित किया जिसमें कोई भारतीय प्रतिनिधिमंडल नजर नहीं आया.
इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि इस मामले में अपनी सैद्धांतिक स्थिति के तहत हम चीन से उसके इस पहल पर सार्थक बातचीत का आग्रह कर चुके हैं. हम चीन की तरफ से सकारात्मक उत्तर की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कोई भी देश संप्रभुता और क्षेत्रीय एकता पर उसकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज करने वाली परियोजना को स्वीकार नहीं करेगा.
चीन ने दुनिया के कई मुल्कों को OBOR में भागीदारी के लिए राजी कर लिया है. पूरी दुनिया को इस आर्थिक गलियारे का सब्जबाग दिखाते हुए चीन यह साबित करने की कोशिश कर रहा कि इससे सबका फायदा होगा, इसलिए एशिया से लेकर यूरोप तक सभी देश इसमें शामिल हों.
चीन ज्यादा देशों की उपस्थिति को सम्मेलन की सफलता से जोड़कर देख रहा है. इसी के चलते वह भारत सहित सभी प्रमुख देशों को सम्मेलन और वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका और जापान, चीन के साथ अपने मतभेदों के बावजूद इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.
बता दें कि ओबीओआर लगभग 1,400 अरब डॉलर की परियोजना है. चीन को उम्मीद है कि उसका यह ड्रीम प्रोजेक्ट 2049 तक पूरा हो जाएगा. 2014 में आई रेनमिन यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नई सिल्क रोड परियोजना करीब 35 वर्ष में यानी 2049 तक पूरी होंगी.