New Criminal Law: पूरे देश में आज यानी सोमवार, 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। इसके साथ ही पुराने तीन कानून खत्म हो गए। 1 जुलाई से पूरे भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर अब भारतीय न्याय […]
New Criminal Law: पूरे देश में आज यानी सोमवार, 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। इसके साथ ही पुराने तीन कानून खत्म हो गए। 1 जुलाई से पूरे भारत में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो चुके हैं। आइये जानते हैं नए कानून के मुताबिक मर्डर, ठगी, रेप जैसे अपराधों के लिए अब कौन सी धाराएं लगेंगी।
भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं जबकि इससे पहले IPC में 511 धाराएं थीं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं जबकि सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। नए कानून में छीना-झपटी से जुड़े मामले में 302 के तहत केस दर्ज होगा जबकि आईपीसी में यह धारा हत्या से जुड़े मामले में लगता था। गैर क़ानूनी रूप से पहले एकत्रित होने पर पहले धारा 144 लगती थी जबकि अब इसे 187 कहा जायेगा।
नए कानून द्वारा आधुनिक न्याय प्रणाली सुनिश्चित करने का प्रावधान है। इसमें जीरो एफआईआर, SMS के जरिए समन, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी अनिवार्य हैं। नए क्रिमिनल लॉ को संविधान में निहित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।