श्रीनगर: कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब हुर्रियत के नेताओं को आतंकियों की ओर से घमकी मिल रही हों. हिजबुल की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, इसमें कहा गया है कि कश्मीर में चल रहा ‘आंदोलन’ इस्लामिक है न कि राजनीतिक. वे लोग हमारी इस्लाम की जंग में हस्तक्षेप न करें, नहीं तो सिर काटकर लाल चौक पर लटका देंगे.
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर आतंकी जाकिर अहमद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में मूसा ने कहा है कि मैं कश्मीर में हुर्रियत के पाखंडी नेताओं को चेतावनी देता हूं. वे इस्लाम के लिए हमारी लड़ाई में अपना दखल न दें. यदि वे ऐसा करते हैं तो हम उनके सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे.
मूसा ने वीडियो में आगे कहा है कि यह जो हम लड़ाई लड़ रहे हैं वो इस्लाम के लिए हैं न कि राजनीति के लिए. उन नेताओं को समझ लेना चाहिए कि यह इस्लाम के लिए जंग है, शरियत के लिए जंग है. न कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए. पांच मिनट के वीडियो क्लिप में उसे कहते सुना गया है कि हहम राजनीति के लिए नहीं बल्कि इस्लाम के लिए लड़ रहे हैं. मूसा के मुताबिक अलगाववादी नेता अपनी मौत से डरे हुए हैं और आतंकियों के खून पर राजनीति कर रहे हैं.
कश्मीर के लोगों से हुर्रियत के ‘पाखंड’ के खिलाफ खड़े होने की अपील करते हुए जाकिर ने कहा कि हम सभी को अपने धर्म से प्यार करना चाहिए. हुर्रियत अपनी राजनीति के लिए मस्जिदों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं ? बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन ने पिछले सप्ताह भी एक बयान जारी महिला प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे सड़कों पर प्रदर्शन के लिए न निकलें. साथ ही लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में हिजबुल मुजाहिद्दीन का नाम है.
इस ऑडियो क्लिप से सवाल उठने लगे हैं कि क्या हुर्रियत कश्मीर में अब अपनी प्रासंगिकता खो चुका है क्योंकि आतंकियों ने उनकी राजनीति को नकार दिया है. बुरहान बानी की जगह हिज्बुल के कमांडर बने जाकिर मूसा ने हुर्रियत नेताओं से साफ-साफ कहा है कि वो उनकी कुर्बानी पर राजनीति न करें.