नई दिल्ली: जवाब तो देना होगा में आज सवाल ये कि क्या स्कूल, अदालतों के आदेश से भी ऊपर हैं. क्या स्कूलों की मनमानी अदालत की अवमानना नहीं. हम ये सवाल क्यों पूछ रहे हैं वो बताएं उससे पहले ये याद रखिएगा कि इस देश में अदालत की अवमानना इतना बड़ा गुनाह है कि अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में एक सीटिंग जज को सज़ा सुनाई गई है.
इतना ही नहीं, विजय माल्या को भी अदालत की अवमानना का दोषी बताया गया है यानि पैसा या पद, कुछ भी दीवार नहीं बनता जब मामला अदालत की अवमानना का हो तो फिर सवाल ये कि स्कूल अगर अदालती आदेश की अनदेखी कर रहे हैं औऱ अपनी मनमर्ज़ी चला रहे हैं तो क्या ये अदालत की अवमानना नहीं है और ऐसे में स्कूलों पर कार्रवाई क्यों न हो.
पहले आपको समझाते हैं कि स्कूलों के लिए अदालत के कौन से आदेश हैं और अगर आपका बच्चा स्कूल में पढ़ रहा है तो आप खुद ही समझ जाएंगे कि स्कूल इन आदेशों का पालन कितना कर रहे हैं औऱ कितना नहीं.
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