नई दिल्ली: क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत हवाई टिकटों के किराये के साथ-साथ सरकारी सब्सिडी में भी हर तीन महीने में मुद्रास्फीति के रुझान के आधार पर संशोधित किया जाएगा.
बता दें कि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अंतर्गत शामिल होने वाले यात्रियों के लिए हवाई टिकट की कीमतों और व्यवहार्यता अंतर निधि (वीजीएफ) पर सब्सिडी प्रदान करता है.
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि योजना के तहत यात्रा के टिकट मूल्य और वीजीएफ में तिमाही आधार पर संशोधन होगा. हवाई किराये की दर को मुद्रास्फीति से संबद्ध किया जाएगा. हवाई किराया मुद्रास्फीति के साथ जुड़ा होगा, वहीं वीजीएफ का निर्धारण मुद्रास्फीति, एटीएफ की लागत और रुपए-डॉलर के विनिमय दर के आधार पर किया जाएगा.
गौरतलब है कि उड़ान योजना के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य कम सेवा या सेवा से वंचित हवाई अड्डों को जोड़ना और लोगों को सस्ते में विमान यात्रा की सुविधा देना है. इस सेवा के तहत पहली उड़ान पिछले महीने शिमला से राष्ट्रीय राजधानी के लिए भरी थी.
बता दें कि उड़ान योजना के तहत मंजूरी प्राप्त एयरलाइन ऑपरेटर्स को अपनी एयरक्राफ्ट की 50 प्रतिशत सीटें डिस्काउंट रेट पर उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है. उड़ान योजना के तहत विमान टिकट के किराये की सीमा 2,500 रुपये प्रति घंटे तक सीमित है. इस योजना में शामिल विमानन कंपनियों को वीजीएफ के रूप में सब्सिडी के साथ कुछ अन्य प्रोत्साहन मिलेंगे.
पिछले महीने एयर इंडिया की अनुषंगी अलायंस एयर ने इस योजना के तहत दिल्ली-शिमला-दिल्ली मार्ग पर उड़ान शुरू की है
गौरतलब है कि पिछले दिनों पांच एयरलाइंस को 128 रूट पर उड़ान संचालित करने की अनुमति दी गई है, जिसके तहत 70 एयरपोर्ट को जोड़ा गया है. हालांकि, केंद्र सरकार अगले तीन महीने में क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत अगले चरण की रूट नीलामी करने की योजना बना रही है.