नई दिल्ली: जवाब तो देना होगा में आज सीधा सवाल ये कि क्या स्कूल पैसे और बच्चे के भविष्य के बीच पैसे को चुन सकते हैं और फीस न देने पर बच्चों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं क्या. सवाल इसलिए क्योंकि प्रेसीडियम द्वारका के दो ब्रांच पर आरोप है कि उन्होंने 200 से ज्यादा बच्चों को स्कूल से इसलिए निकाल दिया क्योंकि मां बाप पूरी फीस नहीं दे रहे थे.
जवाब तो देना होगा में हम बीते पांच हफ्ते से मनमानी स्कूल फीस के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं और ये पहला मौका नहीं है जब किसी स्कूल ने फीस न देने पर बच्चे को निकाला हो. क्या ये मां बाप को डराने जैसा नहीं है कि अगर हमारे खिलाफ़ जाओगे तो तुम्हारे बच्चों को भुगतना होगा और शायद इसीलिए जब मां बाप हमें मेल करते हैं या ट्वीट करते हैं.
स्कूल की शिकायत करते हैं तो साथ में ये भी कहते हैं कि मेरे बच्चों का नाम सामने न आए. सवाल ये भी है कि स्कूल डर का ये माहौल क्यों बना रहे हैं और क्या स्कूलों का भी कोई वाजिब पक्ष हो सकता है ? इसपर हम बात करेंगे लेकिन पहले जो मुद्दा हम आज उठा रहे हैं उसे समझ लीजिए.
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