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शहीद के परिजनों को सेना से मिला चेक बाउंस, लगा रहे बैंक का चक्कर

यूपी के गाजीपुर जिले में शहीद जवान के परिवारवालों को सेना की तरफ से मिला चेक बाउंस हो गया. परिजनों का कहना है कि उन्हें सेना की तरफ से चेक भेजा गया था, जिसे उन्होंने बैंक में जमा कराया, मगर कुछ दिन बाद पता चला कि चेक बाउंस हो गया है.

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  • May 9, 2017 2:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर जिले में शहीद जवान के परिवारवालों को सेना की तरफ से मिला चेक बाउंस हो गया. परिजनों का कहना है कि उन्हें सेना की तरफ से चेक भेजा गया था, जिसे उन्होंने बैंक में जमा कराया, मगर कुछ दिन बाद पता चला कि चेक बाउंस हो गया है.

बता दें कि 22 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में घात लगाकर किए गए हमले में भारतीय सेना के 3 जवान शहीद हो गए थे, जिनमें एक शहीद मनोज भी थे.
 
इस सबंध में मनोज की विधवा मंजू ने बताया कि पति के शहीद होने के बाद 22 दिसंबर को सेना की तरफ से 1 लाख 88 हजार 520 रूपए का चेक मिला था, जिसे स्थानीय इलाहाबाद बैंक में जमा कर दिया. मगर कुछ दिन खबर मिली कि चेक बाउंस हो गया है.
 
बैंक की तरफ से बताया गया कि चेक पर सैन्‍य अफसर के साइन मैच नहीं हो पा रहे थे. ऐसे में भुगतान नहीं हो सकता है. काफी कोशिश के बाद स्‍थानीय यूनियन बैंक ने आश्‍वासन दिया कि चेक अगर चेक को शाखा में जमा करवा दिया जाता है, तो वे यूनिट के जम्‍मू-कश्‍मीर वाली शाखा में चेक भेज देंगे, जहां से क्लियर हो जाएगा.
 
शहीद की पत्नी के अनुसार, बीते 3 फरवरी को हमने दोबारा यूनियन बैंक में चेक जमा किया. लेकिन आज तक न तो पैसे मिले और न ही चेक वापस किया गया. मेरे 2 बच्‍चे हैं और कमाने वाले सिर्फ वही थे, जो देश के लिए शहीद हो गए. बच्‍चों की परवरिश मुश्क‍िल हो गई है. इसके अलावा गैस एजेंसी का वादा किया गया था, लेकिन वो भी आज तक नहीं मिला. अभी तक पेंशन का भुगतान भी नहीं किया गया है. ऐसे में हालात बदतर होते जा रहे हैं.
 
वहीं, शहीद के भाई बृज मोहन ने कहा कि हम लोग ऑफिसों के चक्‍कर लगा-लगाकर थक चुके हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है. बैंक वाले चेक क्लियर नहीं कर रहे हैं. भाई के शहीद होने के बाद बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन वो सब कागजों तक सीमित होकर रह गए.
 
बता दें, 21 जुलाई 1985 को जन्म मनोज कुशवाहा 3 भाईयों में सबसे बड़े थे. 2001 में उन्होंने गनर के रूप में भारतीय सेना ज्वाइन की थी. इनके वृद्ध पिता हरिलाल सिंह कुशवाहा प्राइवेट नौकरी कर किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
 

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