नई दिल्ली: चारा घोटाले में फंसे राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मंत्री लालू प्रसाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुनाएगा. बता दें कि लालू प्रसाद पर ये याचिका सीबीआई की तरफ से डाली गई है, जिसमें पिछले 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और एक हफ्ते के भीतर सभी पक्षों से अपने सुझाव देने को कहा था.
शीर्ष अदालत ने लालू प्रसाद यादव की याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें उन्होंने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में अपनी जेल की सजा को चुनौती दी थी. बता दें कि चारा घोटाला 1990 के बीच में बिहार के पशुपालन विभाग में से जुड़ा हुआ घोटाला है. इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट द्वारा चाईबासा चारा घोटाले से जुड़ी एक एफआईआर को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी.
जांच एजेंसी सीबीआई ने अपनी हालिया अपील में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में केवल दो धाराओं के तहत सुनवाई को मंजूरी दी गई थी, जबकि अन्य आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक अपराध के लिए किसी व्यक्ति का दो बार ट्रायल नहीं हो सकता.
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि आईपीसी की धारा-201 (अपराध के साक्ष्य मिटाना और गलत सूचना देना ) और धारा-511 (ऐसा अपराध करने की कोशिश करना, जिसमें आजीवन कारावास या कारावास की सजा सकती है ) के तहत लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मामले की सुनवाई चलती रहेगी.
गौरतलब है कि यह आरोप लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 96 लाख रुपयों की गलत निकासी के एक मामले से जुड़ा है. चारा घोटाला 1990 से लेकर 1997 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग में अलग-अलग जिलों में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है. बता दें उस वक्त लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.