लखनऊ: यूपी में बीजेपी ने चुनावों में तो सारी पार्टियों का सूपड़ा साफ़ कर दिया लेकिन अभी यूपी को साफ़ होनी बाकी है. कहने का मतलब ये है कि यूपी में गंदगी का आलम ये है कि हाल ही में जारी हुई स्वच्छता रिपोर्ट में देश के 434 शहरों में यूपी के शहर सबसे फीसड्डी साबित हुए हैं. जिसका नतीजा ये रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद झाडू हाथ में उठा ली है.
दरअसल दो दिन पहले ही देश के 434 शहरों की सफाई सूची को सार्वजनिक किया गया. हैरानी इस बात की थी कि इस सूची में यूपी के सबसे ज्यादा 25 शहर बॉटम 50 में थे. नई नवेली योगी सरकार के लिए ये खबर शर्म से सिर झुकाने वाली थी. प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणासी इस सूची में 32 वे नंबर पर है.
वो वाराणसी जिसे क्योटो बनाने के लिए बीते तीन साल से मोदी प्रयासरत हैं और लखनऊ का हाल तो पूछिये मत. इस सूची में लखनऊ 269 नंबर पर है और यूपी के गोंडा ने तो जैसे यूपी की नाक पर कालिख ही पोत दी 434 नंबर के साथ. गोड़ा इस सूची में सबसे नीचे है.
मध्यप्रदेश का इंदौर जो कि टॉप पर है उसे 1808 अंकर मिले हैं. वही गोंडा को जो सबसे नीचे है उसे 305 अंक मिले हैं. यूपी के इस हाल पर योगी सरकार हो सकता है पूरानी सरकार के सिर पर दोष मढ दे लेकिन सफाई का जिम्मा नगर निगम के पास होता है और अखिलेश सरकार में भी नगर निगम बीजेपी के पास था. मेयर थे दीनेश शर्मा. वही दीनेश शर्मा जो अब योगी सरकार में डिप्टी सीएम हैं.
गंदे यूपी का कीचड़ उछले और उसके छींटे सरकार पर ही गिरे उससे पहले योगी आदित्यनाथ ने सफाई अभियान का बीड़ा उठा लिया. खैर सवालों का क्या है वो तो उठेंगे. योगी ने बालू अड्डे की मलिन बस्ती में तकरीबन 25 मिनट बिताए. सड़क पर झाडू चलाने के बाद योगी बस्ती में मौजूद सुलभ शौचालय भी पंहुचे.
योगी ने यहां मौजूद उस परिवार के लोगों से भी बात की जो इस सुलभ शौचालय की देख रेख में है. इलाके का जायजा लेने के बाद जो गंदगी योगी ने देखा. जाहिर है उन्हे अच्छा नहीं लगा. लिहाजा उन्होने मेयर सुरेश अवस्थी को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि तय वक्त में नालियों की सफाई हो जानी चाहिए.
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