श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन और अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीर में भारतीय सेना के द्वारा संचालित ‘गुड विल’ स्कूलों पर सवाल खड़े किए हैं. शाह ने कश्मीरियों से इन स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाने की अपील की है. गिलानी ने आरोप लगाया कि ये स्कूल कश्मीरी बच्चों को गुमराह कर उन्हें उनके मजहब और संस्कृति से दूर कर रहे हैं.
हुर्रियत चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीरी अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को इन स्कूलों में न भेजें. बता दें कि सेना ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पूरी कश्मीर घाटी खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल खोले हैं. बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र इन स्कूलों में पंजीकृत हैं.
गिलानी ने एक बयान में कहा है कि छोटे-मोटे भौतिक फायदे के लिए हमारी पीढ़ी हमारे हाथों से निकलती जा रही है. सेना द्वारा संचालित ये स्कूल हमारे बच्चों को अपने धर्म और संस्कृति से दूर कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा कि भारत सरकार देश को हिंदू राष्ट्र के रूप में देखने के लिए आतुर है और इन स्कूलों में इसी नज़रिए से संचालित किया जा रहा है.
बता दें कि पुलवामा में 15 अप्रैल को कथित तौर पर सुरक्षा बलों की मनमानी के मद्देनजर घाटी भर में छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्राधिकारियों ने एहतियाती तौर पर कश्मीर में सभी बड़े शैक्षिण संस्थानों को बंद कर दिया था और करीब पांच दिनों के लिए बंद कर दिया था.