केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित कश्मीर घाटी में राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना कर दी हैं. जम्मू एवं कश्मीर के घाटी में पिछले चार दिनों से जारी भारी बारिश और बर्फबारी के कारण वहां बाढ़ आ गई है. राज्य सरकार ने सोमवार को वहां बाढ़ की घोषणा की है.
श्रीनगर. केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित कश्मीर घाटी में राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना कर दी हैं. जम्मू एवं कश्मीर के घाटी में पिछले चार दिनों से जारी भारी बारिश और बर्फबारी के कारण वहां बाढ़ आ गई है. राज्य सरकार ने सोमवार को वहां बाढ़ की घोषणा की है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वह जम्मू एवं कश्मीर सरकार के संपर्क में है और श्रीनगर में झेलम नदी के बढ़ते जलस्तर पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. बयान के अनुसार, बचाव कार्यो के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना कर दी गई हैं, जबकि बांध टूटने की स्थिति में एहतियाती कदम के तौर पर चार टीमों को वैकल्पिक तौर पर तैयार रखा गया है.
बाढ़ से निपटने को नहीं बुलाई गई सेना
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने सोमवार को कहा कि बाढ़ की आपदा से निपटने में प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाने की योजना अब तक नहीं है. राज्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार के वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने सोमवार को जम्मू में संवाददाताओं को बताया, “सेना हमेशा सतर्क रहती है लेकिन बाढ़ से निपटने में प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाने की अब तक हमारी योजना नहीं है.”
उन्होंने कहा, “हमारा आपदा प्रबंधन तैयार है और प्रशासन आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.” पुलिस ने बताया कि बडगाम जिले में चरार-ए-शरीफ क्षेत्र के लादेन गांव में दो मकान ढह गए, जहां मलबे के नीचे 16 लोगों के दबे होने की आशंका है. मलबे हो हटाने का काम जारी है.
उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने राज्य विधानसभा में सोमवार को कहा कि चार दिनों से हो रही लगातार बारिश को देखते हुए पूरे राज्य में बाढ़ की घोषणा कर दी गई है, क्योंकि घाटी में झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है. सिंह ने कहा कि बाढ़ में कुछ लोगों के मारे जाने और 21 के लापता होने की सूचना मिली है, लेकिन इसका सत्यापन होना बाकी है. उन्होंने कहा कि यूट्यूब और दूसरी सोशल वेबसाइटों पर बाढ़ को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे लोगों की घबराह बढ़ रही है, क्योंकि 2014 का भयानक मंजर लोग अब तक नहीं भूले हैं.
IANS