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भारत ने पाकिस्तान को सार्क सैटेलाइट प्रोजेक्ट से इस तरह किया था बाहर

भारत ने शुक्रवार को सार्क सैटेलाइट जीसैट-9 लॉच कर नया इतिहास रच दिया. लेकिन इस सैटेलाइट में सार्क के लगभग सभी देशों की हिस्सेदारी थी, लेकिन पाकिस्तान की नहीं

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  • May 5, 2017 5:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
 
नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को सार्क सैटेलाइट जीसैट-9 लॉच कर नया इतिहास रच दिया. लेकिन इस सैटेलाइट में सार्क के लगभग सभी देशों की हिस्सेदारी थी, लेकिन पाकिस्तान की नहीं. इसके पीछे भी बड़ा कारण है. जब इस सैटेलाइट प्रोजेक्ट की बात चली थी तो पाकिस्तान भी इसमें शामिल होने की बात कही थी.
 
पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि उसे भी इसरो की टेक्निकल टीम हिस्सा बनाया जाए. यही नहीं उसने इस प्रोजेक्ट के लिए खर्ज उठाने का प्रस्ताव भी भारत के सामने रखा था लेकिन भारत ने उसके प्रस्ताव को ठुकारा दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि पीएम मोदी सार्क सैटेलाइट को पड़ोसी देशों के लिए तोहफा है कहा था. 
 
 
जब पाकिस्तान की बात भारत ने नहीं मानी तो वो नया पैतरा खेला और कहा कि सैटेलाइट कंट्रोल की सुविधा सार्क देशों को भी दिया जाए न कि केवल इसरो के पास रहे. इसके बाद भी पाक कि बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो वो सुरक्षा का राग अलापने लगा. उसने भारत पर आरोप लगाया कि भारत इस सैटेलाइट की सहायता से पड़ोसी देशों की गुप्त जानकारियों इकट्ठा करेगा. लेकिन भारत के साथ-साथ सहयोगी देशों ने भी इस बात को खारिज कर दिया.
 
पीएम ने 2014 में की थी घोषणा
आज लॉन्च किए गए सार्क सैटेलाइट की घोषणा पीएम मोदी ने साल 2014 में 18वें सार्क शिखर सम्मेलन में ऐसा सैटेलाइट बनाने पर जोर दिया था. इस सैटेलाइट का उपयोग मौसम विभाग की जानकारी के साथ-साथ भू- समकालिक संचार के लिए किया जाएगा. इस उपग्रह पर अनुमानित खर्च लगभग 235 करोड़ है.

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