नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में पाकिस्तान के आरोप पर करारा जवाब देते हुए कहा है कि यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है. जिसका कोई राजधर्म नहीं है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिफाजत इसकी राजनीतिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
असल में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अल्पसंख्ययों से बर्ताव को लेकर भारत की आलोचना की थी. जिसके जवाब में परिषद में अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं.
रोहतगी ने कहा कि भारत अपने नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं करता है. देश में जाति, नस्ल, रंग या धर्म में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है.परिषद में अपना पक्ष रखते हुए रोहतगी ने कहा कि भारतीय संविधान हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. स्वतंत्र वाक और अभिव्यक्ति का अधिकार संविधान का मुख्य हिस्सा है.
वाक एवं अभिव्यक्ति को महत्व देते हैं
मुकुल रोहतगी ने परिषद के सदस्य देशों से कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नाते हम स्वतंत्र वाक और अभिव्यक्ति को महत्व देते हैं. हमारा देश राजनीतिक स्वतंत्रता को लेकर सचेत है और हम हर अवसर में अपनी पसंद की चीजों का इस्तेमाल करते हैं.
परिषद में पाकिस्तान ने उठाया पैलेट गन का मुद्दा
पाकिस्तान ने परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा है कि भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए.पाकिस्तान परिषद की एक टीम को कश्मीर का दौरा कर हालात की समीक्षा की मांग भी की. जवाब में मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम शांति, अहिंसा और मानव की गरिमा कायम रखने के लिए तत्पर है. अफस्पा पर उन्होंने कहा कि यह अधिनियम सिर्फ अशांत इलाकों में लागू होता है और ये इलाके बहुत कम है.