नई दिल्ली : चीन को लेकर नॉर्थ कोरिया का ऐसा सख्त लहजा पहली बार सामने आया है और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीन ने नॉर्थ कोरिया को समझाने की कोशिश की थी. साथ ही परमाणु परीक्षण की सूरत में कड़े प्रतिबंध लगाने की वकालत कर रहा था. क्योंकि चीन ने साफ कर दिया था कि नॉर्थ कोरिया की परमाणु धमकी को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. बस इसी बात से किम जोंग सनक गया और सीधे चीन को धमकी दे डाली.
तानाशाह ने पहली बार सनक में कोई ऐसा फैसला किया है, जिसने अमेरिका को राहत दी है और डोनाल्ड ट्रंप खुशी से झूम रहे हैं. जी हां, जिस काम को लेकर ट्रंप लंबे वक्त से चीन को मनाने में लगे थे, उसे खुद किम जोंग ने आसान कर दिया. बिना चीन का साथ मिले किम जोंग के लिए जंग लड़ना तो दूर, अमेरिका के सामने खड़े होने की हैसियत नहीं है.
नॉर्थ कोरिया से खतरे का अहसास ड्रैगन को भले ही अब जाकर हुआ हो, लेकिन इसे भारत ने पहले ही महसूस कर लिया था. किम जोंग के पागलपन की वजह से अब भारत भी नॉर्थ कोरिया से दूरी बना चुका है. यूएन के प्रतिबंधों को लागू करते हुए भारत ने तय किया है कि अब नॉर्थ कोरिया को दवाएं और खाने का सामान ही सप्लाई करेगा. एक तरह से मोदी सरकार ने ये फैसला कर किम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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