नई दिल्ली : नासिक जिले के मालेगांव में हुए ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और एनआईए को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने इस मामले में जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है.
कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका में कहा है कि वो आठ साल से जेल में बंद हैं. इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही फैसला नहीं दिया है. हाईकोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको जमानत देने से इंकार कर दिया. इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दे दी जाए.
याचिका में ये भी कहा है कि हाईकोर्ट ने सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट पर गौर नहीं किया जिसमें कहा गया है कि वो सेना के लिए इंटेलीजेंस का काम करते थे.
बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुंबई हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी तो वहीं कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
क्या है मामला
29 सितंबर 2008 को रमजान के दौरान नासिक जिले के मालेगांव में दो बम धमाके हुए थे. धमाकों में 7 लोग मारे गए थे और करीब 79 लोग घायल हो गए थे. मालेगांव धमाकों की जांच में कई उतार-चढ़ाव आते रहे हैं. पहले इसमें सिमी का हाथ माना गया.
लेकिन बाद में इस धमाके के लिए हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोगों को जिम्मेदार बताया गया. 2011 में मामला एनआईए को सौंपे जाने से पहले एटीएस ने 16 लोगों पर मामला दर्ज किया था. लेकिन मुंबई की एक कोर्ट में 20 जनवरी 2009 और 21 अप्रैल 2011 को 14 आरोपियों के खिलाफ ही आरोप-पत्र दाखिल किए गए.