लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्मल बाबा के कार्यक्रमों से जुड़े आरोपों की पुष्टि के लिए कहा है. अदालत ने कहा कि अगर ये सभी आरोप सही निकलते हैं तो केबल टीवी नेटवर्क अधिनियम 1994 के तहत कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
हाई कोर्ट ने मंत्रालय से कहा कि वह इस बात को देखें कि निर्मल बाबा के कार्यक्रम कहीं दर्शकों के बीच अंधविश्वास को बढ़ावा तो नहीं दे रहे हैं. जस्टिस एपी साही व जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने यह आदेश 2012 में वकील के. सरन की ओर से दायर एक जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका में ऐसा आरोप लगाया गया था कि निर्मल बाबा के कार्यक्रम अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं. कोर्ट ने याची से आदेश की प्रति सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को देने को कहा है.
बता दें कि सुनवाई के दौरान बेंच के सामने यह बात आई कि केंद्र सरकार ने 30 मई 2005 को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री, ब्रॉडकास्ट कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल और एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्मल बाबा के कार्यक्रमों के खिलाफ लिखा था.अदालत ने कहा कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले केबल ऑपरेटर, चैनल या अन्य संबंधित पक्षकार को नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुनने के लिए कहा है.